विश्व एथलेटिक्स संस्था के प्रमुख को ने स्वीकार किया, ओलंपिक हो सकते हैं स्थगित
विश्व एथलेटिक्स संस्था के प्रमुख सेबेश्चियन को ने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के कारण तोक्यो ओलंपिक को इस साल के अंत तक स्थगित किया जा सकता है
लंदन : विश्व एथलेटिक्स संस्था के प्रमुख सेबेश्चियन को ने गुरूवार को स्वीकार किया कि कोरोना वायरस संक्रमण का फैलने के कारण तोक्यो ओलंपिक को इस साल के अंत तक स्थगित किया जा सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि निश्चित फैसला करने के लिये यह जल्दबाजी होगी.
ओलंपिक प्रमुखों ने बुधवार को स्वीकार किया था कि खिलाड़ियों की बढ़ती चिंताओं को देखते हुए कोई आदर्श हल नहीं है. कोविड-19 महामारी के कारण वैश्विक खेल कैलेंडर पर काफी असर पड़ा है क्योंकि इसके कारण यूरो 2020 को स्थगित कर दिया गया जबकि टेनिस सत्र निलंबित हो गया.
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बाक ने इस हफ्ते के शुरू में कहा था कि उनका लक्ष्य इन खेलों को 24 जुलाई से ही शुरू करने का ही होगा. तोक्यो ओलंपिक समन्वयक आयोग के सदस्य को ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि देरी संभव है.
जब को से पूछा गया कि खेलों को सितंबर या अक्टूबर तक स्थगित किया जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘‘यह संभव है, इस समय कुछ भी संभव है. ” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि खेल ऐसी स्थिति में आ गए हैं और उस दिन आईओसी और अन्य महासंघों के साथ बातचीत में जो माहौल था, उसे देखते हुए कोई भी ऐसा नहीं कह रहा था कि कुछ भी हो हमें खेलों का आयोजन करना ही है. ” को ने कहा, ‘‘लेकिन यह ऐसा फैसला नहीं है कि इसे इसी समय करना होगा.
लेकिन उन्होंने कहा कि 2021 तक स्थगित करना समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि सदस्य महासंघ ओलंपिक वर्ष में विश्व चैम्पियनशिप आयोजित नहीं करते.
गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते प्रभव के कारण आईपीएल भी 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है. इससे पहले आईपीएल शुरू होने की तारीख 29 मार्च थी लेकिन खिलाड़ियों और दर्शकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आईपीएल को स्थगित करना पड़ा.
जबकि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाली सीरीज भी इसी को ध्यान में रखते हुए रद्द कर दी. कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के कारण कई खिलाड़ीयों ने लोगों को जागरुक करने के लिए कई संदेश वीडियो के माध्यम जारी किए.
कोरोना का डर इस कदर लोगों पर छाया है कि लोग अपने घरों में दुबके रहना ज्यादा पसंद कर रहे हैं सिर्फ भारत ही विदेशों में भी ऐसी हालत देखी जा रही है.