कोरोना वायरस के खिलाफ जापान की प्रतिक्रिया की आलोचना करने वाले देश के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने सोमवार को चेताया कि उन्हें डर है कि स्थगित हुए ओलंपिक 2021 में भी आयोजित नहीं हो पाएंगे. कोबे यूनिवर्सिटी में संक्रमण रोगों के प्रोफेसर केंटारो इवाटा ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि अगले साल भी ओलंपिक के आयोजन की संभावना है. ” जापान और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) खिलाड़ियों और खेल महासंघों के दबाव के बीच पिछले महीने तोक्यो 2020 खेलों को जुलाई 2021 तक स्थगित करने पर सहमत हो गए थे.
हाल के दिनों में हालांकि कोरोना वायरस महामारी का दुनिया भर में फैलना जारी है और ऐसे में सवाल उठाए जाने लगे हैं कि क्या एक साल का विलंब पर्याप्त होगा. इवाटा ने मीडिया से कहा, ‘‘ओलंपिक के आयोजन के लिए दो शर्तें हैं, पहली शर्त है जापान में कोविड-19 नियंत्रण में हो और दूसरा यह कि दुनिया भर में कोविड-19 नियंत्रण में हो क्योंकि आपको दुनिया भर से खिलाड़ियों और दर्शकों को आमंत्रित करना होगा. ” इवाटा ने कहा कि उन्हें अगले साल तभी खेलों के आयोजन की उम्मीद नजर आती है जब इनमें कुछ बदलाव किया जाए, जैसे कि कोई दर्शक नहीं आएं या काफी सीमित प्रतिनिधित्व हो.
आपको बता दें कि ओलंपिक के तारीखों का ऐलान हो गया है और खेलों का ये महाकुंभ का उद्घाटन समारोह 23 जुलाई 2021 और समापन समारोह आठ अगस्त 2021 को होगा. जबकि पैरालम्पिक खेल 24 अगस्त 2021 से पांच सितंबर 2021 तक चलेगा.
हलांकि तोक्यो आयोजन समिति के प्रमुख का कहना था नयी तारीखों पर खेलों के आयोजन की लागत बहुत अधिक होगी. स्थानीय रपटों के अनुसार यह लागत अरबों डॉलर बढ़ जाएगी और इसका बोझ जापान के करदाताओं पर पड़ेगा.
हलांकि उन्होंने यह भी कहा था कि वो लागत की गणना में पारदर्शिता लायेंगे. जापान आधिकारिक तौर पर ओलंपिक की मेजबानी पर 12 . 6 अरब डॉलर खर्च कर रहा है. जापानी सरकार के एक आडिट ब्यूरो ने हालांकि कहा कि लागत इसकी दुगुनी है.