Pramod Bhagat डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के कारण Paralympics से हुए निलंबित
टोक्यो स्वर्ण पदक विजेता पैरा शटलर Pramod Bhagat को डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के लिए 18 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है और वह पेरिस पैरालंपिक खेलों में भाग नहीं ले पाएंगे.
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने घोषणा की है कि भारत के टोक्यो 2020 पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता Pramod Bhagat को डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन के लिए 18 महीने की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है. निलंबन के परिणामस्वरूप, प्रमोद पेरिस 2024 पैरालंपिक खेलों में भाग नहीं ले पाएंगे.
Paris Paralympics: भारत के Pramod Bhagat निलंबित
बीडब्ल्यूएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘1 मार्च 2024 को खेल पंचाट न्यायालय (CAS) के डोपिंग रोधी प्रभाग ने भगत को 12 महीनों के भीतर तीन बार अपने बारे में जानकारी नहीं देने के लिए बीडब्ल्यूएफ डोपिंग रोधी नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया.’
बयान में कहा गया, ‘SL3 एथलीट भगत ने इस फैसले के खिलाफ CAS अपील डिवीजन में अपील की. 29 जुलाई 2024 को CAS अपील डिवीजन ने भगत की अपील को खारिज कर दिया और 1 मार्च 2024 के CAS एंटी-डोपिंग डिवीजन के फैसले की पुष्टि की.’
Pramod Bhagat ने टोक्यो Paralympics में जीता था गोल्ड
भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुष एकल SL3 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, उन्होंने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराया. 35 वर्षीय भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक फाइनल में पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए अपने चिर प्रतिद्वंद्वी को लगभग एक घंटे 40 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 14-21, 21-15, 21-15 से हराया.
इस प्रक्रिया में, भगत ने अपना चौथा एकल विश्व खिताब जीता, इससे पहले उन्होंने 2015, 2019 और 2022 में तीन बार यही पदक जीता था. उनके नाम 2013 के अभियान से वैश्विक चैंपियनशिप में पुरुष युगल स्वर्ण पदक भी है. लेकिन, वह इस बार अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाएंगे.
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भारतीय पैरा-बैडमिंटन के मुख्य कोच गौरव खन्ना ने पीटीआई से कहा, ‘यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. वह पैरालिंपिक में भारत के लिए पदक जीतने के लिए पक्का था, लेकिन वह एक योद्धा है और मुझे यकीन है कि वह और मजबूत होकर वापस आएगा.’
भगत, जिन्हें पांच वर्ष की आयु में पोलियो हो गया था, जिसके कारण उनके बाएं पैर में विकलांगता आ गई थी, दो बार एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं तथा वर्तमान में अपनी श्रेणी में विश्व में तीसरे स्थान पर हैं.