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Tokyo Paralympic 2020: ओलंपिक के बाद अब पैरालंपिक में भी इतिहास रचेगा भारत, इन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद

Tokyo Paralympic 2020 रियो 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता स्टार भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया (Devendra Jhajharia) और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू (Mariyappan Thangavelu) भारत के अब तक के सबसे बड़े दल की अगुआई करेंगे.

Paralympic 2020: ओलंपिक में अपने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बाद भारत की नजरें मंगलवार 24 अगस्त से शुरू हो रहे पैरालंपिक खेलों में भी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर टिकी हैं. इस बार भारत ने अपना सबसे बड़ा दल उतारा है, जिसमें 54 खिलाड़ी शामिल हैं.

इन खिलाड़ियों से मेडल की उम्मीद

रियो 2016 पैरालंपिक के स्वर्ण पदक विजेता स्टार भाला फेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया (Devendra Jhajharia) और ऊंची कूद के स्टार मरियप्पन थंगावेलू (Mariyappan Thangavelu) भारत के अब तक के सबसे बड़े दल की अगुआई करेंगे. भारत को इन खेलों में पांच स्वर्ण पदक सहित कम से कम 15 पदक की उम्मीद है.

भारत पैरालंपिक में कुल 9 खेलों में हिस्सा लेगा. भारतीय खिलाड़ियों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद इसलिए किया जा रहा है क्योंकि विश्व रैंकिंग में कम से कम चार भारतीय नंबर एक पर काबिज हैं. जबकि छह खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग दूसरी है. इसके अलावा लगभग 10 खिलाड़ियों की विश्व रैंकिंग तीन है.

भारत ने 1972 में पहली बार पैरालंपिक में हिस्सा लिया था और तब से इन खेलों में कुल 12 पदक जीत चुका है. अगर भारत उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करता है तो इस बार पदक तालिका में शीर्ष 25 में जगह बना सकता है. भारत 2016 रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के साथ 43वें स्थान पर रहा था.

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झझारिया : बचपन में करंट लगने के कारण अपना बायां हाथ गंवाने वाले झझारिया 40 साल की उम्र में स्वर्ण पदक की हैट्रिक के मजबूत दावेदार हैं. वह एफ-46 वर्ग में 2004 और 2016 में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं और मौजूदा विश्व रिकॉर्ड धारक हैं.

मरियप्पन : पांच बरस की उम्र में घुटने से नीचे का पैर बस से कुचले जाने के बाद स्थाई रूप से दिव्यांग हुए मरियप्पन एक अन्य भारतीय पैरा खिलाड़ी हैं जो 2016 में टी-63 ऊंची कूद में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने उतरेंगे. वह अभी दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं. वह मंगलवार को उद्घाटन समारोह के दौरान देश के ध्वजवाहक भी होंगे.

संदीप चौधरी : विश्व चैंपियन संदीप चौधरी (एफ-64 भाला फेंक) 24 सदस्यीय पैरा एथलेटिक्स टीम में स्वर्ण पदक के तीसरे दावेदार हैं. वह दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और विश्व रिकॉर्ड धारक हैं. पैरा एथलेटिक्स में पदक के अन्य दावेदार गत विश्व चैंपियन सुंदर सिंह गुर्जर और अजीत सिंह (दोनों एफ-46) तथा नवदीप सिंह (एफ-41) हैं। ये तीनों भाला फेंक के खिलाड़ी हैं.

बैडमिंटन तोक्यो खेलों के दौरान पैरालंपिक में डेब्यू करेगा और इसमें भारत की पदक जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं. दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और कई बार के विश्व चैंपियन प्रमोद भगत पुरुष एसएल 3 वर्ग में स्वर्ण पदक के मजबूत दावेदार हैं. दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी कृष्णा नागर (एसएच 6) और तरुण ढिल्लों (एसएल 4) से भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है. दो बार की पूर्व विश्व चैंपियन पारूल परमार और युवा पलक कोहली (एसएल 3-एसयू 5) से महिला वर्ग में पदक की उम्मीद है.

भारत को अपने निशानेबाजों और तीरंदाजों से भी पदक की उम्मीद है। तीरंदाजी में भारत की ओर से राकेश कुमार और श्याम सुंदर (कंपाउंड), विवेक चिकारा और हरविंदर सिंह (रिकर्व) और महिला तीरंदाज ज्योति बालियान (कंपाउंड व्यक्तिगत और मिश्रित स्पर्धा) चुनौती पेश करेंगे. गौरतलब है कि पैरालंपिक के दौरान 163 देशों के लगभग 4500 खिलाड़ी 22 खेलों की 540 स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे.

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