Paris Olympics 2024: हॉकी में भारत का 44 साल बाद गोल्ड जीतने का सपना टूटा, अब ब्रॉन्ज पर होंगी नजरें
Paris Olympics 2024: भारतीय हॉकी टीम के लिए पेरिस ओलंपिक 2024 से निराशाजनक खबर आई है. हॉकी टीम सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी से हार गई है. अब टीम के पास ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका है. टीम के पास 44 साल बाद गोल्ड जीतने का मौका था, जिसे उन्होंने गंवा दिया.
Paris Olympics 2024: भारतीय हॉकी टीम का गोल्ड जीतने का सपना मंगलवार को टूट गया, क्योंकि टीम को जर्मनी के हाथों सेमीफाइनल मुकाबले में 3-2 से हार का सामना करना पड़ा. अब भारतीय टीम ब्रॉन्ज मेडल मैच के लिए दम लगाएगी. भारतीय डिफेंस अब तक अभेद दिख रही थी, लेकिन जर्मनी के फॉरवर्ड्स ने बड़ी चतुराई से इसमें सेंध लगाई और पहले बढ़त बना चुकी भारत को एक रोमांचक मुकाबले में हरा दिया. भारतीय टीम अब ब्रॉन्ज मेडल के लिए 8 अगस्त को स्पेने से भिड़ेगी. वहीं फाइनल मुकाबला जर्मनी और नीदरलैंड के बीच खेला जाएगा.
भारत को खली अमित रोहिदास की कमी
पहले क्वार्टर में बढ़त बनाने के बावजूद भारतीय टीम लय कायम नहीं रख पाई. मैच में भारतीय डिफेंस बिखरा हुआ नजर आया और फॉरवर्ड पंक्ति दबाव में दिखी. मिडफील्ड में भी कई गलतियां हुई. भारत को अपने अनुभवी फर्स्ट रशर अमित रोहिदास की कमी बुरी तरह खली जो ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में मिले रेडकार्ड के कारण एक मैच का प्रतिबंध झेल रहे थे. भारत के लिए सातवें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने और 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने गोल किया. जबकि जर्मनी के लिये गोंजालो पेयाट ने 18वें, क्रिस्टोफर रूर ने 27वें और मार्को मिल्टकाउ ने 54वें मिनट में गोल दागे.
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भारत के पास था इतिहास रचने का मौका
आठ बार की चैंपियन भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मॉस्को में और रजत 1960 में रोम में जीता था. भारत को मैच में 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दो ही गोल में बदल सके. भारत ने बेहद आक्रामक शुरुआत करते हुए दूसरे ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिस पर हरमनप्रीत का शॉट बचा लिया गया. अगले मिनट में फिर मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया. भारत को सातवें मिनट में लगातार चार पेनल्टी कॉर्नर मिले और चौथे को हरमनप्रीत ने गोल में बदला. भारतीय कप्तान का यह पेरिस ओलंपिक में आठवां गोल था.
पहले क्वार्टर में भारत का दबदबा
पहले 15 मिनट में भारत ने दबदबा बनाये रखा और विरोधी के गोल पोस्ट पर लगातार हमले बोले. दूसरे क्वार्टर में जर्मनी ने आक्रामक वापसी की और 18वें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर बनाया जिसे पेलाट ने गोल में बदला. इसके दो मिनट बाद भारत के सामने गोल करने का मौका था लेकिन टूर्नामेंट में अब तक दो गोल कर चुके अभिषेक का निशाना गोल के ठीक सामने चूक गया. इस बीच जर्मनी को 27वें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर वीडियो रेफरल पर पेनल्टी स्ट्रोक में बदला गया जिसे रूर ने गोल में बदलकर भारत पर 2-1 से बढ़त बना ली. हाफटाइम तक जर्मनी के पास यह बढ़त बरकरार रही.
हाफ टाइम के बाद भारत ने दिखाया आक्रामक खेल
ब्रेक के बाद भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की और पहले ही मिनट में पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन जर्मनी के डिफेंस ने हरमनप्रीत को रोकने के लिये अच्छा होमवर्क किया था. एक और पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत का पहला और रिबाउंड पर हार्दिक सिंह का प्रयास गोल में नहीं बदल सका. भारत को 36वें मिनट में मैच का 11वां पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर पहली बार वैरिएशन का इस्तेमाल किया गया तो जर्मन डिफेंस चकमा खा गया. हरमनप्रीत की फ्लिक को सुखजीत ने जर्मन गोल में डिफ्लैक्ट करके भारत को बराबरी दिलाई.
जर्मनी ने 51वें मिनट में गोल दाग ली बढ़त
इसके बाद जर्मनी को 51वें मिनट में फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन लुकास विंडफेडर के शॉट को श्रीजेश ने बचाया और गेंद को सर्कल से हरमनप्रीत ने बाहर निकाला. इस बीच जर्मन स्ट्राइकर लगातार भारतीय गोल के भीतर ही गेंद को रखे हुए थे और तीन मिनट बाद मार्को मिल्टकाउ ने पेयाट के बेहतरीन पास पर उतनी ही खूबसूरती से स्टिक का कमाल दिखाकर गेंद को गोल के भीतर डाल दिया और भारत की उम्मीदों पर पानी फिर गया. भारतीय गोलकीपर श्रीजेश का यह आखिरी इंटरनेशनल गेम है, ऐसे में टीम उनको ब्रॉन्ज मेडल के साथ विदा करना चाहेगी.
भाषा इनपुट के साथ
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