Paris Olympics 2024:पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम द्वारा पेनल्टी शूटआउट में ग्रेट ब्रिटेन की टीम को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश करने के बाद, हॉकी इंडिया ने कहा कि उन्होंने चल रहे पेरिस ओलंपिक में अंपायरिंग और निर्णय लेने की गुणवत्ता के बारे में आधिकारिक तौर पर चिंता जताई है.
भारत बनाम ग्रेट ब्रिटेन हॉकी मैच के बारे में भारतीय हॉकी महासंघ द्वारा उठाई गई सबसे गंभीर चिंताओं में से एक शूट-आउट के दौरान गोलपोस्ट के पीछे से ग्रेट ब्रिटेन के गोलकीपर को कोचिंग देना और भारत बनाम ग्रेट ब्रिटेन शूट-आउट के दौरान गोलकीपर द्वारा वीडियो टैबलेट का उपयोग करना था.
Paris Olympics 2024:हॉकी इंडिया मैच को जिस तरह से संभाला गया, उससे वे नाराज हैं
हॉकी इंडिया ने कहा कि वे भारत बनाम ग्रेट ब्रिटेन के महत्वपूर्ण मैच को जिस तरह से संभाला गया, उससे वे नाराज हैं.
भारत बनाम ग्रेट ब्रिटेन खेल में, भारतीय हॉकी टीम ने मैदान पर एक खिलाडी कम के साथ 40 मिनट से अधिक खेला, जब अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाडी विलियम कैलन के चेहरे पर स्टिक मारने के लिए रेड कार्ड दिखाया गया.
रेड कार्ड के कारण शीर्ष खिलाडी को खोने के लगभग तुरंत बाद, भारत ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह की बदौलत खेल में 1-0 की बढत ले ली, जिन्होंने पेनल्टी कॉर्नर से गोल किया। पेरिस 2024 में यह उनका सातवां गोल था.
लेकिन ग्रेट ब्रिटेन ने हाफ टाइम से पहले गोल करके 1-1 की बराबरी कर ली. 60 मिनट के अंत तक स्कोर 1-1 रहा. शूटआउट में, पीआर श्रीजेश, जिन्होंने पहले ही अपने जीवन का सबसे बेहतरीन खेल खेला था, ग्रेट ब्रिटेन की टीम को दो बार विफल करने में सफल रहे और भारत को जीत की ओर ले गए.
भारतीय हॉकी महासंघ ने किस बात की शिकायत की है?
मीडिया को लिखे एक पत्र में हॉकी इंडिया ने कहा कि उसने “2024 के पेरिस ओलंपिक खेलों में अंपायरिंग और निर्णय लेने की गुणवत्ता के बारे में आधिकारिक तौर पर चिंता जताई है”
हॉकी इंडिया के बयान में कहा गया: “शिकायत भारत और ग्रेट ब्रिटेन के बीच एक महत्वपूर्ण मैच पर केंद्रित है, जहां अंपायरिंग में कई विसंगतियों ने संभावित रूप से खेल के परिणाम को प्रभावित किया. उजागर किए गए प्रमुख मुद्दों में शामिल हैं: असंगत वीडियो अंपायर समीक्षा, विशेष रूप से एक भारतीय खिलाडी के लिए रेड कार्ड के फैसले के संबंध में, जिसने वीडियो समीक्षा प्रणाली में विश्वास को खत्म कर दिया है; शूट-आउट के दौरान गोलपोस्ट के पीछे से गोलकीपर को कोचिंग देना और शूट-आउट के दौरान गोलकीपर द्वारा वीडियो टैबलेट का उपयोग करना.”
हॉकी इंडिया के बयान में कहा गया है, “इन घटनाओं ने खिलाडिओं, कोचों और प्रशंसकों के बीच अंपायरिंग प्रक्रिया में विश्वास को कम कर दिया है. हॉकी इंडिया खेल की अखंडता को बनाए रखने और भविष्य के मैचों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने के लिए इन मामलों की गहन समीक्षा की मांग करता है.”
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