युवा भारतीय बैडमिंटन सनसनी Lakshya Sen ने हाल ही में न केवल पेरिस 2024 ओलंपिक में अपने उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए बल्कि अपनी गर्दन पर एक आकर्षक टैटू के लिए भी सुर्खियां बटोरीं, जिस पर लिखा है, “Sky is the limit” इस टैटू ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, खासकर तब जब वह ओलंपिक इतिहास में सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए.
Paris Olympics: Lakshya Sen ने पूरे टूर्नामेंट में दिखाया शानदार खेल
टूर्नामेंट में सेन का सफर असाधारण से कम नहीं था. उन्होंने अपने से उच्च रैंक वाले विरोधियों को हराकर अपने कौशल का प्रदर्शन किया, जिसमें क्वार्टर फाइनल में चोउ टिएन चेन के खिलाफ रोमांचक जीत भी शामिल है. उनके मैचों में तीव्र रैलियां और रणनीतिक खेल शामिल थे, जिसने दर्शकों और आलोचकों दोनों को आकर्षित किया. हालांकि, डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसन के खिलाफ सेमीफाइनल में ओलंपिक पदक जीतने का उनका सपना अचानक टूट गया, जहां वे एक करीबी मुकाबले में हार गए.
पदक न जीत पाने की निराशा के बावजूद, यह टैटू उनकी एस्पिरशन की याद दिलाता है. उनके कान के ठीक पीछे और गर्दन तक फैला हुआ, “Sky is the limit” वाक्यांश सेन के अपने करियर और जीवन के प्रति फिलॉसफी को दर्शाता है.
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लक्ष्य का बायीं बांह के ऊपरी हिस्से पर बिलीव नेवर गिव अप का टैटू उभरकर सामने आता है. इसके अलावा निचले हिस्से पर बाघ और शिकार की गई लोमड़ी के नाम से मिलते-जुलते जानवर के टैटू हैं. इससे लक्ष्य सेन की खेल शैली जीवंत हो उठती है. इस बार लक्ष्य सेन भले ही ओलंपिक में सोना चूमने से चूक गए. लेकिन उनकी उम्र अभी भी छोटी है और उनमें अभी भी काफी क्षमता है.