पीवी सिंधू बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में नहीं ले पायेंगी हिस्सा, इस वजह से नाम लिया वापस
भारतीय शटलर पीवी सिंधू ने बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप से नाम वापस ले लिया है. उन्हें टखने में चोट लगी है, इसी वजह से उन्होंने इस प्रतियोगिता से नाम वापस लिया. भारतीय बैडमिंटन संघ ने इस बात की पुष्टि की है. सिंधू का इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन रहा है.
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू टखने की चोट के कारण बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप के इस साल के संस्करण में नहीं खेल पायेंगी. सिंधु ने हाल ही में राष्ट्रमंडल खेलों में महिला एकल में स्वर्ण जीता और बाद में खुलासा किया कि उन्होंने चोट के बीच फाइनल खेला था. सिंधु का टोक्यो में विश्व चैंपियनशिप से प्रवेश वापस ले लिया गया है.
विश्व चैंपियनशिप 21 अगस्त से शुरू होगी
विश्व चैंपियनशिप 21 अगस्त से शुरू होने वाली है और 28 अगस्त तक चलेगी. सिंधू का विश्व चैंपियनशिप में एक शानदार रिकॉर्ड है, उन्होंने 2019 में स्वर्ण पदक जीता था और दो रजत पदक और दो कांस्य भी अपने नाम किये थे. सिंधु CWG 2022 में भारत की ध्वजवाहकों में से एक थीं और भारत को पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहने में मदद करने के लिए, सेमिनल इवेंट के अंतिम दिन महिला एकल में स्वर्ण पदक जीता. वह मिश्रित टीम स्पर्धा में रजत जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थीं.
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राष्ट्रमंडल खेलों में सिंधू का दूसरा स्वर्ण पदक
राष्ट्रमंडल खेलों में सिंधू का यह दूसरा स्वर्ण पदक था, इससे पहले 2018 में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. उनके पास महिला एकल में क्रमश: 2-18 और 2014 के बीच एक रजत और एक कांस्य भी है. सिंधु के नाम दो ओलंपिक पदक भी हैं. उन्होंने 2016 में महिला एकल में रजत जीता और इसके बाद टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीता.
पीवी सिंधू के पिता ने भी की पुष्टि
शनिवार को स्पोर्टस्टार को सिंधू के पिता पीवी रमना ने बताया कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के क्वार्टर फाइनल के दौरान उनकी बेटी को पहली बार चोट लगी थी. लेकिन उसने गंभीर दर्द के बावजूद सेमीफाइनल खेला और अंतत: सीडब्ल्यूजी में चोटिल टखने के साथ स्वर्ण पदक जीता. स्वर्ण सहित विश्व में पांच पदक जीतने वाली 27 वर्षीय सिंधू पर अब रिकवरी चरण के दौरान कड़ी निगरानी रखी जाएगी. पिता ने कहा कि सिंगापुर ओपन और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद सिंधू जिस तरह की फॉर्म में हैं, उसे देखते हुए विश्व चैंपियनशिप को मिस करना निराशाजनक है. लेकिन, ये चीजें हमारे हाथ में नहीं हैं.
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