झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन ने स्वर्ण पदक विजेता आर्चर गोल्डी मिश्रा को रिकर्व राउंड का दिया तीर-धनुष
झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन ने राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक विजेता गोल्डी मिश्रा को अत्याधुनिक तीरंदाजी उपकरण उपलब्ध कराया. गोल्डी ने गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेल में इंडियन राउंड में झारखंड के लिए स्वर्ण पदक जीता था. इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता पोकलेन ऑपरेटर हैं.
Jharkhand News: झारखंड के खेल मंत्री हफीजुल हसन ने आज मंगलवार को अपने आवास पर बोकारो के चंदनक्यारी डे बोर्डिंग तीरंदाजी प्रशिक्षण केंद्र के होनहार प्रशिक्षु और राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक विजेता गोल्डी मिश्रा को अत्याधुनिक तीरंदाजी उपकरण उपलब्ध कराया. बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए अनिवार्य रिकर्व राउंड का तीर-धनुष इनके पास नहीं था. आपको बता दें कि गोल्डी ने गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेल में इंडियन राउंड में झारखंड के लिए स्वर्ण पदक जीता था. इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता पोकलेन ऑपरेटर हैं.
36वें राष्ट्रीय खेल में जीता सोना
झारखंड के तीरंदाज गोल्डी मिश्रा ने गरीबी को मात देकर 36वें राष्ट्रीय खेल में सोना जीता है, लेकिन बड़ी प्रतियोगिताओं के लिए उनके पास रिकर्व राउंड का तीर-धनुष नहीं था, जिससे भविष्य में उनका प्रशिक्षण प्रभावित हो सकता था. इसके मद्देनजर खेल मंत्री हफीजुल हसन ने खेल निदेशक की विशेष पहल पर ओलंपिक 2024 एवं 2028 की तैयारियों के लिए गोल्डी मिश्रा को अत्याधुनिक रिजर्व बो सेट प्रदान किया. खेल मंत्री ने गोल्डी मिश्रा को राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दी. इस अवसर पर तीरंदाजी प्रशिक्षक हरेंद्र सिंह, डी साई स्वरी, करण कर्मकार, प्रकाश राम, महेंद्र करमाली उपस्थित थे.
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देश के लिए जीतना है पदक
आर्चरी के इंडियन राउंड में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले गोल्डी मिश्रा ने पिछले दिनों कहा कि उनका लक्ष्य भारत के लिए खेलना और पदक जीतना है. ये मूल रूप से झारखंड के बोकारो जिले के चंदनक्यारी के रहने वाले हैं. गोल्डी ने कहा कि अपने खेल को बेहतर करने के लिए वे अच्छी कोचिंग करना चाहते हैं. इंडियन राउंड में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले गोल्डी मिश्रा बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. गोल्डी के पिता दुलाल मिश्रा परिवार के भरण-पोषण के लिए पोकलेन ऑपरेट करते हैं. गोल्डी तीन बहन व एक भाई हैं. माता रेखा देवी घृहणी हैं. इंटर में पढ़ने वाले इस खिलाड़ी ने 2017 में आर्चरी की शुरुआत की थी.
रिपोर्ट : निसार, जमशेदपुर