फुटबॉल का मिनी विश्व कप कहे जानेवाले यूरोपियन चैंपियनशिप का फाइनल रविवार को इंग्लैंड और इटली के बीच खेला जायेगा. इंग्लैंड की टीम जहां पहली बार यूरो खिताब जीतने उतरेगी, वहीं 33 मैचों से अपराजेय इटली खिताब जीत कर फिर से अपनी बादशाहत हासिल करना चाहेगा. हालांकि मैच के बाद ही पता चलेगा कि लंदन या रोम, कहां जश्न मनेगा, लेकिन मुकाबला रोमांच से भरपूर होगा.
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इंग्लैंड की ताकत
यूरो को में इंग्लैंड के लिए विंगर और अटैकिंग मिडफील्डर रहीम स्टर्लिंग ने बेहद ही शानदार खेल दिखाया है. तीन मैचों में उन्होंने दो गोल दागे हैं. इंग्लैंड की ओर से हैरी केन भी शानदार खेल दिखा रहे हैं चार गोल दाग कर अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाया है.
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इटली कम नहीं
इटली की खास बात यह है कि वह अभी तक किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं रहे हैं. हालांकि टीम के लिए निकोलो बरेला ने अपने प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया है. बरेला एक बेहतरीन मिडफील्डर हैं.
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तीन बार फाइनल खेला है इटली ने, एक बार बना चैंपियन
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1966 में अंतिम बार विश्व खिताब इंग्लैंड ने जीता, इसके बाद पहली बार बड़ा खिताब जीतने का उसके पास मौका
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1968 में अंतिम बार यूरो खिताब जीता था इटली ने, 2002 व 2012 में उपविजेता था
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27 मैच खेले गये हैं अब तक इंग्लैंड और इटली के बीच
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11 मैच इटली ने जीते 08 मुकाबले में इंग्लैंड रहा विजेता.
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08 मैच दोनों के बीच ड्रॉ रहे हैं.
वहीं आज सभी की निगाहें इंग्लैंड और भारतीय महिला क्रिकेट टीम (England Women vs India Women, 2nd T20I) के बीच होने वाली तीन टी20 मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले पर होगी. दूसरे टी20 मैच में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर जीत दर्ज कर सीरीज में वापसी करना चाहेंगी.
सर्बियाई स्टार नोवाक जोकोविच रविवार को जब विंबलडन पुरुष एकल फाइनल में माटियो बेरेटिनी के खिलाफ ऑल इंग्लैंड कोर्ट पर उतरेंगे, तो उनकी निगाहें दमदार प्रदर्शन को जारी रखते हुए 20वां ग्रैंडस्लैम खिताब अपने नाम करने की होगी. शीर्ष वरीयता प्राप्त जोकोविच का यह 30वां मेजर फाइनल है, जबकि बेरेटिनी यहां जूनियर स्पर्धा में खेल चुके हैं. जोकोविच अगर खिताब जीत लेते हैं, तो रिकॉर्ड 20 ग्रैंडस्लैम से जीतने वाले रोजर फेडरर और राफेल नडाल की बराबरी कर लेंगे. सातवीं वरीयता प्राप्त बेरेटिनी का यह पहला फाइनल है और 1976 फ्रेंच ओपन में एड्रियानो पनाटा के खिताब जीतने के बाद किसी भी इटली के खिलाड़ी का यह पहला फाइनल है.