नयी दिल्ली : गुरुवार को भारतीय हॉकी टीम को एक के बाद एक दो झटके लगे हैं. ओलिंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के दो शानदार खिलाड़ियों ने आज अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास की घोषणा कर दी. सबसे पहले दोपहर में स्टार ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने संन्यास की घोषणा की और शाम में डिफेंडर बीरेंद्र लकड़ा ने भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया.
रूपिंदर ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस फैसले की घोषणा की जबकि लकड़ा के संन्यास का ऐलान हॉकी इंडिया ने किया. तोक्यो ओलंपिक में भारत के उपकप्तान रहे लकड़ा ने हालांकि बाद में अपने फेसबुक पेज पर लंबी पोस्ट लिखकर अपनी बात कही. विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि दोनों खिलाड़ियों को बता दिया गया था कि अगले सप्ताह से बेंगलुरू में शुरू हो रहे राष्ट्रीय शिविर में उन्हें जगह नहीं मिलेगी.
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देश के सर्वश्रेष्ठ ड्रैग फ्लिकर में शामिल किए जाने वाले 30 साल के रूपिंदर ने 223 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. ‘बॉब’ के नाम से मशहूर रूपिंदर ने तोक्यो ओलंपिक में भारत के कांस्य पदक जीतने के अभियान के दौरान चार गोल दागे थे जिसमें तीसरे स्थान के प्ले आफ में जर्मनी के खिलाफ पेनल्टी स्ट्रोक पर किया गोल भी शामिल था. रूपिंदर का यह फैसला हैरानी भरा है क्योंकि उनकी फिटनेस और फॉर्म को देखते हुए स्पष्ट तौर पर वह कुछ और साल आसानी से खेल सकते थे.
रूपिंदर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर बयान में लिखा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सर्वश्रेष्ठ दिन रहे. मैंने अपने जीवन के कुछ शानदार अनुभव जिनके साथ साझा किए टीम के अपने उन साथियों के साथ तोक्यो में पोडियम पर खड़े होना ऐसा अहसास था जिसे मैं हमेशा सहेजकर रखूंगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि अब समय आ गया है जब युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को उस आनंद की अनुभूति का अवसर दिया जाए जो भारत के लिए खेलते हुए मैं पिछले 13 साल से अनुभव कर रहा हूं.
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वहीं लकड़ा के बारे में हॉकी इंडिया ने ट्वीट किया कि मजबूत डिफेंडर और भारतीय हॉकी टीम के सबसे प्रभावी खिलाड़ियों में से एक ओडिशा के स्टार बीरेंद्र लकड़ा ने अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कहने का फैसला लिया है. हैप्पी रिटायरमेंट बीरेंद्र लकड़ा. लाकड़ा ने बाद में फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखकर कहा कि पिछले कुछ सप्ताह से मैं हॉकी में अब तक के अपने सफर पर आत्ममंथन कर रहा था. भारत के लिए खेलना और भारतीय टीम की जर्सी पहनने से ज्यादा खुशी और गर्व मुझे किसी बात से नहीं मिला. अब समय आ गया है कि अगली पीढी के युवा खिलाड़ी भारत के लिए खेलने के अहसास को जी सकें.
Posted By: Amlesh Nandan.