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टोक्यो ओलिंपिक मेडलिस्ट लवलीना बोरगोहेन ने लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप, कह दी बड़ी बात

टोक्यो ओलिंपिक में मेडल जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन ने मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उनके कोच को बार बार हटाया जा रहा है. इसकी वजह से उनकी ट्रेनिंग प्रभावित हो रही है. उनके कई आग्रह के बाद भी ऐसा हो रहा है. ऐसे में उनका खेल प्रभावित हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2022 4:30 PM
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बर्मिंघम में आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने ट्विटर पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कहा कि उनके नियमित कोच को उन्हें ट्रेनिंग देने से रोका जा रहा है, जिसके कारण उनका प्रशिक्षण प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की राजनीति से मेरा खेल प्रभावित हो रहा है.

बार-बार कोच को हटाया गया

टोक्यो ओलिंपक में पदक जीतने वाली लवलीना ने सोशल मीडिया पर एक शिकायत पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने खुद को अपने कोच से अलग किये जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत प्रताड़ना हो रहा है. मेरे कोच, जिन्होंने मुझे ओलिंपिक में मेडल जीतने में मदद की उन्हें बार बार हटाया जा रहा है.

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ट्रेनिंग प्रभावित हो रहा

लवलीना ने आगे लिखा कि मेरे कोच को हटाकर मेरे ट्रेनिंग प्रोसेस को प्रभावित किया जा रहा है और इससे मैं मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही हूं. मेरे कोच में से एक संध्या गुरुंगजी भी हैं जो द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित हैं. मेरे दोनों कोच को कैंप में भी मेरे हजार बार हाथ जोड़ने के बाद ट्रेनिंग के लिए ज्वाइन कराया जाता है. इससे मुझे ट्रेनिंग में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.

https://twitter.com/LovlinaBorgohai/status/1551520397832720385
कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी में जुटी हैं लवलीना

उन्होंने कहा कि अभी मेरे कोच संध्या गुरुंगजी कॉमनवेल्थ गांव से बाहर हैं और उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. मेरी ट्रेनिंग गेम्स से ठीक आठ दिन पहले रुक गयी है. मेरे दूसरे कोच को भी इंडिया वापस भेज दिया गया है. मेरे इतना आग्रह के बाद भी ऐसा हुआ है इससे मैं काफी प्रताड़ित महसूस कर रही हूं. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं गेम में कैसे फोकस करूं. इस वजह से मेरा पिछला वर्ल्ड चैंपियनशिप भी खराब हुआ और इस राजनीति के कारण मैं अपना कॉमनवेल्थ गेम्स खराब नहीं करना चाहती. आशा करती हूं मैं मेरे देश के लिए यह पॉलिटिक्स तोड़कर मेडल ला पाऊं. जय हिंद.

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