Tokyo Olympics 2020 : टोक्यो ओलंपिक में कोरोना का साया मंडराने लगा है. कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के बाद टोक्यो में दर्शकों की इंट्री पर बैन लगा दिया गया है. अब कोरोना महामारी को देखते हुए हॉकी मुकाबलों में बड़ा बदलाव किया गया है.
नये नियम के अनुसार अगर फाइनल में पहुंची कोई भी टीम कोरोना के कारण बाहर होती है, तो सेमीफाइनल में उस टीम से हारने वाली टीम को फाइनल खेलने का मौका मिल जाएगा.
रविवार को जारी किये गये खेलों के खेल-विशिष्ट नियमों (एसएसआर) में यह चीज स्पष्ट की गयी है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) और अंतरराष्ट्रीय महासंघों (आईएफ) ने मिलकर एसएसआर बनाये हैं जो कोरोना पॉजिटिव आने से पड़ने वाले असर और टूर्नामेंट के प्रारूप में इसके प्रबंधन को निर्धारित करने के लिये बनाये गये हैं.
इन नियमों के अनुसार, हॉकी में टीम अगर कोरोना के कारण भाग नहीं ले पाती हैं तो वे ‘डिस्क्वालीफाई’ नहीं होंगी बल्कि उन्हें डीएनएस (शुरुआत नहीं कर पायीं) चिन्हित किया जायेगा. अगर नॉकआउट चरण में कोई टीम कोरोना के कारण हिस्सा नहीं ले पाती है तो उनकी हासिल की गयी न्यूनतम रैंकिंग को सुरक्षित रखा जायेगा और समय के हिसाब को देखते हुए उनकी प्रतिद्वंद्वी अगले दौर में पहुंच जायेगी.
इसके अनुसार, अगर कोरोना के कारण कोई टीम फाइनल में हिस्सा नहीं ले पाती है तो सेमीफाइनल में उसी टीम से हारने वाली टीम को फाइनल में खेलने की अनुमति मिल जायेगी और वह स्वर्ण पदक के लिये खेलेगी.
हालांकि इन नियमों में फाइनल में पहुंची दोनों टीमों के पॉजिटिव आने की संभावित स्थिति का जिक्र नहीं किया गया है. इसमें यह भी नहीं बताया गया है कि कोरोना के कारण अगर सेमीफाइनल में हारने वाली टीम भी प्रभावित होती है तो क्या किया जायेगा.