भारत की स्टार बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) तोक्यो ओलिंपिक में पहले ही पदक सुरक्षित कर चुकी हैं, लेकिन बुधवार को वह तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ जीत दर्ज करके ओलिंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने की कोशिश करेंगी. असम की 23 वर्षीय लवलीना इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है. लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का मुक्केबाजी में पहला पदक होगा, लेकिन उनका लक्ष्य अब फाइनल में पहुंचना होगा, जहां अभी तक कोई भारतीय नहीं पहुंचा है.
𝗦𝗘𝗠𝗜𝗙𝗜𝗡𝗔𝗟 🤩
With an aim to change the colour of her assured medal @LovlinaBorgohai will take on 🇹🇷's Busenaz S in the semi-final of 69 kg at @Tokyo2020 tomorrow 💪🏻
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— Boxing Federation (@BFI_official) August 3, 2021
राष्ट्रीय कोच मोहम्मद अली कमर ने इस महत्वपूर्ण मुकाबले की पूर्व संध्या पर कहा कि यह मुकाबला दोपहर बाद होगा और इसलिए हम पिछले दो दिनों से दोपहर बाद ही अभ्यास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये दोनों मुक्केबाज इससे पहले एक-दूसरे से नहीं भिड़े हैं और वे दोनों एक-दूसरे के खेल के बारे में नहीं जानते हैं.
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मुक्केबाज सुरमेनेली इस वर्ष दो अंतरराष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं. सुरमेनेली भी 23 साल की हैं और इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते हैं. तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी, जबकि लवलीना को कांस्य पदक मिला था. तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था.
पूरे देश के साथ ही असम में सभी विधायक भी बॉक्सिंग सेमीफाइनल का मैच देखेंगे. असम में इसके लिए विशेष रूप से विधानसभा की कार्यवाही को 20 मिनट के लिए स्थगित किया जाएगा. इस दौरान सभी विधायक बुधवार को भारत की लवलीना बोरगोहेन का सेमीफाइनल बॉक्सिंग मैच देखेंगे. गौरतलब है कि लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) बुधवार को तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ जीत दर्ज करके ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने की कोशिश करेगी.