Tokyo Olympics: एक शॉट से मेडल से चूकीं अदिति, कोरोना के कारण खो दी थी ताकत फिर भी रच दिया इतिहास
भारत की युवा गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics2020) में इतिहास रचने से चूक गईं. वह एक शॉट से मेडल से चूक गई और टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं.
Tokyo Olympics 2020: अदिति अशोक (Aditi Ashok) टोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक मेडल से भले ही चूक गईं, मगर इसके बावजूद उन्होंने इतिहास रच दिया है. वह एक शॉट से मेडल से चूक गई और टोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहीं. उनका एक शॉट उनके पीछले तीन दिन के प्रदर्शन पर भारी पड़ा और मेडल से दूर कर दिया. अदिति भले पदक से चूक गईं, लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित कर दिया है. भले ही वह देश को मेडल नहीं दिला पाई, मगर भारतीय गोल्फ के इतिहास में अपना नाम जरूर दर्ज करवा लिया है.
This birdie showed us how @aditigolf – the world no. 200 went toe-to-toe with the champions till the last shot and finished fourth. 🙌🙌🙌#Tokyo2020 | #StrongerTogether | #UnitedByEmotion pic.twitter.com/Ga9G6arg3E
— Olympic Khel (@OlympicKhel) August 7, 2021
अदिति के इस शानदार खेल की हर कोई तारीफ कर रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, अच्छा खेलीं, अदिति अशोक! भारत की एक और बेटी ने पहचान बनाई! आज के ऐतिहासिक प्रदर्शन से आपने भारतीय गोल्फ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. आपने बेहद शांत और शिष्टता के साथ खेला है. प्रभावशाली प्रदर्शन के लिए बधाई. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपने टोक्यो ओलंपिक के दौरान जबरदस्त कौशल और संकल्प दिखाया है. पदक से दूर रह गईं, लेकिन आप किसी भी भारतीय से कहीं आगे निकल गई.
बता दें कि यहां तक पहुंचना भी अदिति के लिए बिल्कुल आसान नहीं था, क्योंकि कुछ महीने पहले ही उन्हें कोरोना हो गया था. अदिति के अनुसार कोरोना के कारण उन्होंने अपनी असली ताकत भी खो दी थी. अदिति ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा था कि कोरोना के चपेट में आने के बाद उनकी ताकत कम हुई, जिससे उनका खेल भी प्रभावित हुआ है. अदिति ने कहा कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गयी थी जिसके कारण यहां आने से पहले कम टूर्नामेंटों में खेल सकीं. बीमारी से उबरने के बाद उन्हें अब भी बड़े शॉट लगाने में परेशानी हो रही है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चपेट में आने के कारण मेरी ताकत थोड़ी कम हुई है. दूर वाले होल को छोड़ दे तो यह साल मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ रहा है.