टोक्यो ओलंपिक 2020 (Olympics 2020 ) में मीराबाई चानू (Mirabai Chanu), पीवी सिंधु (PV Sindhu) के बाद भारत के खाते में एक और पदक पक्का हो गया है. बॉक्सिंग में मैरी कॉम के बाहर होने से निराश भारतीय के लिए अच्छी खबर है कि असम की 23 वर्षीय लवलीना (Lovlina Borgohain) अपने नाम मेडल पक्का कर लिया है. हालांकि बुधवार को वर्ल्ड चैंपियन के खिलाफ जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाने के लिए रिंग पर उतरेंगी.
लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) का मुकाबला बुधवार को तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली से है. अगर लवलीना बुधवार को मुकाबला जीत जाती हैं, तो ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बन जाएंगी.
लवलीना पदक पक्का करके पहले ही विजेंदर सिंह (2008) और एम सी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी है. लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत का मुक्केबाजी में पहला पदक होगा, लेकिन उनका लक्ष्य अब फाइनल में पहुंचना है. फाइनल में अभी तक कोई भारतीय बॉक्सर नहीं पहुंचा है.
लवलीना ने पिछले दौर में चीनी ताइपे की पूर्व विश्व चैंपियन नीन चिन चेन को हराया था. उन्होंने इस मुकाबले के बाद कहा था, मेडल तो बस गोल्ड होता है, पहले मुझे उसे हासिल करने दो. लवलीना का यह पहला ओलंपिक है, लेकिन उनमें इसका दबाव नजर नहीं आया और सहज होकर अपने मुकाबले लड़े हैं.
सुरमेनेली भी 23 साल की हैं और इस साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते हैं. लवलीना भी इस खेल में नयी नहीं है और उन्होंने अभी तक अपने करियर में विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक जीते हैं. तुर्की की मुक्केबाज 2019 चैंपियनशिप में विजेता रही थी जबकि लवलीना को कांस्य पदक मिला था. तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था.