Tokyo Olympics: मनु भाकर के पिस्टल ने दिया धोखा! मनु-यशस्विनी फाइनल में जगह बनाने से चूकीं, भारत को बड़ा झटका
Tokyo Olympics 2020, Manu Bhaker : दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी मनु भाकर ने लक्ष्य पर 60 शॉट लगाकर 9.583 के औसत से 575 अंक बटोरे जबकि दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी यशस्विनी सिंह देसवाल ने क्वालीफिकेशन में 574 अंक जुटाए
Tokyo Olympics 2020 : टोक्यो 2020 ओलंपिक के दूसरे दिन भी भारतीय निशानेबाजी से निराशा भरी खबर आयी. भारत की स्टार खिलाड़ी मनु भाकर (Manu Bhaker) मेडल की रेस से बाहर हो गयी हैं. मनु भाकर और यशस्विनी सिंह देसवाल दोनों ही रविवार को यहां असाका निशानेबाजी रेंज में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (Women’s 10m Air Pistol) क्वालीफिकेशन में क्रमश: 12वें और 13वें स्थान पर रहने के बाद पदक दौर के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रहे. क्वालिफिकेशन में मनु भाकर शानदार प्रदर्शन कर रहीं थीं, लेकिन तभी उनके पिस्टल ने उन्हें धोखा दे दिया.
Break-The electronic trigger of Manu Bhaker’s pistol had a circuit malfunction in the middle of the second series. It meant she had to go to the test tent with the coach and a member of the jury where it was replaced with a spare tested and then she returned. She lost huge time.
— Boria Majumdar (@BoriaMajumdar) July 25, 2021
दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी मनु भाकर ने लक्ष्य पर 60 शॉट लगाकर 9.583 के औसत से 575 अंक बटोरे जबकि दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी यशस्विनी सिंह देसवाल ने क्वालीफिकेशन में 574 अंक जुटाए जो अंत में आठवें स्थान पर पहुंचने के लिए पर्याप्त नहीं था. फाइनल में क्वालिफाई करने के लिए इन दोनों को 577 पॉइंट की जरूरत थी. बता दें कि अपने पहले ओलंपिक में भाग लेते हुए मनु भाकर ने पहले सेट में 98 के साथ बहुत मजबूती शुरुआत की, लेकिन दूसरी सेट के दौरान उनके पिस्टल में खराबी आ गयी. उनके पिस्टल ने गड़बड़ी होने के कारण मनु की एकाग्रता बाधित हो गई और उसने 5 मिनट से अधिक समय गंवाया 95 और उसके बाद 94 का स्कोर किया.
वहीं, नंबर एक निशानेबाज यशस्विनी खराब शुरुआत के बाद दूसरी सीरीज में 98 स्कोर के साथ लौटी थीं, जिसमें पांच बार उन्होंने 10 स्कोर किया. उनका कुल स्कोर 94, 98, 94, 97, 96, 95 की सीरीज के बाद 574 रहा. एक समय मनु भाकर 17वें स्थान पर खिसक गईं लेकिन इसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए आठवीं रैंक हासिल की तब यह उम्मीद की गई की भारतीय निशानेबाज अंतिम आठ में जगह बना लेंगी, लेकिन इसके बाद यह दोनों महिला निशानेबाज टॉप 8 में पहुंचने में नाकाम रहीं और फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं.