टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारत के लिए गुरुवार का दिन खास रहा. पुरुष हॉकी टीम ने इतिहास रचते हुए 41 साल बाद कांस्य पदक अपने नाम किया. जबकि रेसलिंग में रवि दहिया (ravi kumar dahiya) ने रजत पदक जीता. हालांकि दहिया का गोल्ड जीतने का सपना टूट गया.
पुरुषों के 57 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में रवि दहिया को रूसी ओलंपिक समिति (ROC) के पहलवान जावुर युवुगेव ने 7-4 से हराया. युवुगेव ने अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया. युवुगेव ने शुरुआती अंक बनाया, लेकिन रवि ने जल्द ही स्कोर 2-2 कर दिया. रूसी खिलाड़ी ने फिर से बढ़त हासिल कर दी. रवि पहले राउंड के बाद 2-4 से पीछे थे. दूसरे राउंड में भी युवुगेव ने एक अंक बनाकर अपनी बढ़त मजबूत की. रवि दूसरे राउंड में भी दो अंक ही जुटा सके.
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इधर रेसलिंग 86 किलो भार वर्ग में दीपक पूनिया ने निराश किया और कांस्य पदक जीतने से चूक गये. मुकाबला में सैन मैरिनो के नज्म माइलेस अमीन ने 4-2 से हराया.
अभिनव बिंद्रा की बराबरी नहीं कर पाये रवि दहिया
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा भारत की तरफ से ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी हैं. रवि से भी उम्मीद की जा रही थी कि वो भी भारत को गोल्ड दिलायेंगे. बिंद्रा ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सोने का तमगा हासिल किया था.
मालूम हो भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान खशाबा जाधव थे. उन्होंने हेलसिंकी ओलंपिक 1952 में कांस्य पदक जीता था. उसके बाद सुशील कुमार ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया. सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे और अब बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने यहां कांस्य जीतकर इसकी बराबरी की. लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था. वहीं साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांसे का तमगा हासिल किया था.