Tokyo Paralympics 2020 : पैरालंपिक 2020 में भारत का गोल्डन सफर समाप्त हो चुका है. खेल के आखिरी दिन भारत ने दो मेडल अपने नाम किये. दोनों ही मेडल बैडमिंटन से आये. पुरूष एकल एसएल4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में नोएडा डीएम सुहास यथिराज सिल्वर मेडल जीता. जबकि कृष्णा नागर ने बैडमिंटन में दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया. पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाने एथलीटों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और उन्हें बधाई दी.
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इधर पैरालंपिक में मेडल जीतने के बाद भी नोएडा के डीएम सुहास निराश नजर आये. सिल्वर मेडल जीतने के बाद सुहास ने कहा, पहली बार उनकी जिंदगी में इस तरह की मिश्रित भावनायें आ रही हैं. जिंदगी में पहली बार एक ही समय उन्हें इतनी खुशी हो रही है और साथ ही निराशा भी.
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नोएडा के 38 वर्षीय जिलाधिकारी सुहास पुरुष एकल एसएल4 क्लास बैडमिंटन स्पर्धा के फाइनल में शीर्ष वरीय फ्रांस के लुकास माजूर से 21-15 17-21 15-21 से हार गये जिससे उन्होंने रजत पदक से अपना अभियान समाप्त किया.
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भारतीय पैरालंपिक समिति द्वारा पोस्ट किये गये वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, बहुत ही भावुक क्षण है. मैंने कभी भी एक साथ इतनी खुशी और इतनी निराशा कभी महसूस नहीं की. खुश इसलिये हूं कि रजत पदक जीता, लेकिन निराश इसलिये हूं क्योंकि मैं स्वर्ण पदक से करीब से चूक गया.
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सुहास को एक टखने में विकार है. उन्होंने कहा, लेकिन भाग्य वही देता है जिसका मैं हकदार हूं और शायद मैं रजत पदक का हकदार था इसलिये मैं कम से कम इसके लिये खुश हूं.
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उन्होंने कहा कि वह उम्मीद कर रहे थे कि योयोगी नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रगान बजेगा, लेकिन उनके हाथों से स्वर्ण पदक फिसल गया और ऐसा नहीं हुआ. एसएल4 क्लास एकल के दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी ने कहा, हां, आप यही कामना करते हो, आप इसके लिये ही ट्रेनिंग लेते हो, आप इसकी ही उम्मीद और सपना देखते हो.
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उन्होंने कहा, जैसा कि मैंने कहा कि मैं कभी इतना निराश और इतना खुश नहीं हुआ था। इतना करीब आकर, फिर भी इतनी दूर लेकिन पैरालंपिक में पदक जीतना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है. मैंने पिछले कुछ दिनों में जो प्रदर्शन किया है, उससे मुझे गर्व है. सुहास ने कहा, मैं अपने दिवंगत पिता की वजह से ही यहां पर हूं और यह पदक जीता है.
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