ओलंपिक रजत की याचिका CAS द्वारा खारिज किए जाने के बाद Vinesh Phogat ने तोड़ी चुप्पी
Vinesh Phogat की पहली ओलंपिक पदक की चाहत उस समय समाप्त हो गई जब CAS ने पेरिस 2024 में संयुक्त रजत पदक के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी.
भारतीय कुश्ती सनसनी Vinesh Phogat को ओलंपिक पदक की तलाश में तब करारा झटका लगा जब कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने पेरिस ओलंपिक में संयुक्त रजत पदक के लिए उनकी अपील को खारिज कर दिया. 29 वर्षीय तीन बार की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने अपने असाधारण प्रदर्शन से कुश्ती जगत को चौंका दिया था, कुश्ती में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. हालांकि, 100 ग्राम वजन के अंतर के कारण स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित होने पर उनके सपने टूट गए.
Vinesh Phogat: इंस्टाग्राम हैंडल पर दिया रिएक्शन
अब विनेश ने खुद अपनी याचिका खारिज होने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया पोस्ट की है. विनेश ने इंस्टाग्राम पर मैट पर लेटी हुई अपनी एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें वह अपने सिर पर हाथ रखे हुए हैं. उन्होंने तस्वीर को कोई कैप्शन नहीं दिया. हालांकि यह तस्वीर ऐसी लग रही है कि वह पीड़ा में हैं, लेकिन यह वास्तव में पेरिस ओलंपिक में उनके अभियान के उच्चतम बिंदु है, जब उन्होंने महिलाओं की 50 किग्रा कुश्ती के राउंड ऑफ 16 मुकाबले में जापान की गत चैंपियन यूई सासाकी को चौंका दिया था.
यह पहली बार था जब सासाकी अपने सीनियर करियर में कोई अंतरराष्ट्रीय मुकाबला हारीं थी. इसके बाद विनेश ने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की पूर्व विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता ओक्साना लिवाच को और फिर सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन को हराकर कुश्ती में ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. हालांकि, अगली सुबह 100 ग्राम वजन कम पाए जाने के बाद विनेश को स्वर्ण पदक मुकाबले से आश्चर्यजनक रूप से अयोग्य घोषित कर दिया गया.
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Olympics: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का क्या था कहना ?
भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस नतीजे पर अपनी ‘आश्चर्य और निराशा’ व्यक्त करते हुए कहा कि ‘100 ग्राम की मामूली विसंगति और उसके परिणामस्वरूप होने वाले परिणामों का न केवल विनेश के करियर पर गहरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि अस्पष्ट नियमों और उनकी व्याख्या पर भी गंभीर सवाल उठते हैं.’ IOA का विश्वास है कि दो दिनों में से दूसरे दिन इस तरह के वजन उल्लंघन के लिए एक एथलीट को पूरी तरह से अयोग्य घोषित करना गहन जांच का विषय है.
पहले दिन विनेश के असाधारण प्रदर्शन ने कुश्ती जगत में हर तरफ से प्रतिक्रियाएं बटोरीं, और उनके अयोग्य घोषित होने से और भी ज्यादा सदमा पहुंचा. उन्होंने CAS से मांग की कि जो भी स्वर्ण पदक मैच हारेगा, उसके साथ संयुक्त रजत पदक दिया जाए. गुजमैन, जो सेमीफाइनल में विनेश से हार गई थीं, फाइनल में लड़ीं, जहां वे यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से हार गईं.