Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में जंतर मंतर पहुंचे नवजोत सिंह सिद्धू, कहा- दोषी को बचाया जा रहा है
Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर मतर पर पिछले 9 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है. इस बीच सोमवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पहलवानों से मुलकात करने धरना स्थल पहुंचे.
Wrestlers Protest: पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का समर्थन करने पहुंचे. उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और कहा कि गैर जमानती पोस्को कानून के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद उसे अभी तक गिरफ्तार क्यो नहीं किया गया है. बता दें कि बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत भारत के शीर्ष पहलवान बृजभूषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पिछले नौ दिन से जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं.
सिद्धू ने पहलवानों के साथ तस्वीर पोस्ट करके समर्थन जताया
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने सात महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है. जहां पहली एफआईआर एक नाबालिग पहलवान के आरोप से संबंधित है और पोस्को अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, वहीं दूसरी एफआईआर यौन उत्पीड़न से संबंधित है. सिद्धू से पहले कांग्रेस से प्रियंका गांधी और भूपिंदर सिंह हुड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी, जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक, दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी सिंह और सौरभ भारद्वाज भी पिछले आठ दिन में धरना स्थल पर पहुंच चुके हैं. सिद्धू ने सोशल मीडिया पर पहलवानों के साथ तस्वीर पोस्ट करके समर्थन जताया.
To know what is right and not to do it is the worst cowardice !!! …. why was the FIR delayed ? ……. Not making the FIR public reflects that the FIR is mild and not corroborative to the complainant’s complaint….. intent is questionable and motive is to protect the accused……… pic.twitter.com/5ZXxE3AlfO
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 1, 2023
उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्राथमिकी दर्ज करने में देर क्यो की गई. प्राथमिकी सार्वजनिक नहीं करने से साफ है कि उसमें गंभीरता नहीं है और पहलवानों की शिकायत के अनुरूप नहीं है. मकसद साफ है कि दोषी को बचाना है. मामले को ढका जा रहा है. प्राथमिकी दर्ज करने में विलंब करने वाले अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 166 के तहत कार्रवाई क्यो नहीं की गई.’ उन्होंने आगे कहा, ‘पोस्को कानून के तहत मामले गैर जमानती हैं. अभी तक गिरफ्तारी क्यो नहीं हुई है. ताकतवर लोगों के लिये क्या अलग कानून है. वह व्यक्ति इतना प्रभावशाली क्यो बना हुआ है जो कैरियर बना और बिगाड़ सकता है. यह लड़ाई औरतों के सम्मान और गरिमा की है.’