जंतर-मंतर पर 23 अप्रैल से धरने पर बैठे पहलवानों की मांग धीरे-धीरे पूरी होती जा रही है. पर उनका प्रदर्शन अब भी जारी है. वहीं इसी प्रदर्शन के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 3 पहलवान ने यौन उत्पीड़न की जांच कर रही जांच पैनल पर सवाल उठाते हुए और नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि पैनल द्वारा उनसे यौन उत्पीड़न के ऑडियो-वीडियो सबूत देने को कहे गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए 3 रेसलर्स ने यौन उत्पीड़न की जांच कर रहे पैनल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ‘ पैनल द्वारा उत्पीड़न मामले में ऑडियो-वीडियो सबूत देने को कहा गया है. इस दौरान हमारी बातचीतकी रिकॉर्डिंगतक बंदकर दी गई थी’. वहीं 6 लोगों के पैनल के एक सदस्य ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह पिता की तरह हैं. उनकी ओर से किए गए व्यवहार को गलत समझा गया.
एक पहलवान ने कहा कि सुनवाई के दौरान बृजभूषण के करीबी रेसलिंग फेडरेशन के कर्मचारी और एक कोच ने साई बिल्डिंग में मौजूद थे, जहां हमसे पूछताछ चल रही थी. यह डराने वाला था. एक अन्य पहलवान ने कहा कि बयान देने के दौरान हमने कमरे में केवल पैनल की महिला सदस्यों को रहने की बात कही, जिसे नहीं माना गया. वहीं पहलवानों ने यहा भी बताया कि सुनवाई के दौरान कुछ लड़कियां असहज थीं, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा गया था.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से अपील करते हुए कहा कि ‘पहलवानों की मांग पर कमिटी बनाई जा चुकी है उनकी बाते भी सुनी जा रही है. इंडियान ओलंपिक एसोसिएशन की बनाई एड-हॉक कमेटी रेसलिंग फेडरेशन का काम देख रही है. प्लेयर्स के टॉयल भी शुरू हो चके हैं’.
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है और बयान ले रही है. पहलवानों को देश के कानून पर भरोसा रखना चाहिए और उन्हें धरना बंद कर देना चाहिए’.