विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ अपनी लड़ाई में भविष्य की रणनीति पर सलाह देने के लिए दो समितियों का गठन किया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी याचिका पर कार्यवाही बंद करने के बाद पहलवानों ने अपने अगले कदम पर विचार करना शुरू कर दिया. इस बीच खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उनसे मौजूदा तंत्र और प्रणाली पर विश्वास रखने का अनुरोध करते हुए कहा कि जांच से सब कुछ स्पष्ट हो जायेगा.
बजरंग पूनिया ने कहा, ‘विनेश (फोगाट) कानूनी टीम के साथ इस पर चर्चा कर रही है. हम इस मामले पर कल सूचित करेंगे. आज हमने दो समिति बनायी, इसमें एक 31 सदस्यीय समिति है और दूसरी नौ सदस्यीय है.’ हमारी 31 सदस्यीय समिति में खाप पंचायत, किसान एवं महिला संगठन से जुड़े लोग हैं जबकि नौ सदस्यीय समिति कुश्ती से जुड़े फैसले करेगी.’ बजरंग ने कहा कि मैं खेल मंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे आएं और सच्चाई का साथ दें.
Also Read: Wrestlers Protest: बजरंग पुनिया ने वीडियो शेयर कर की भावुक अपील, कहा- हम अपने देश के गौरव के लिए लड़े और आज..
ओलंपिक पदक जीतने वाले इस पहलवान ने कहा, ‘हम शायद न्यायालय जाकर अपनी लड़ाई फिर से शुरू करेंगे. यह लड़ाई तीन पहलवानों तक ही सीमित नहीं है.’ दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शन स्थल पर और अधिक पहलवानों के प्रवेश को रोक दिया गया है जिसके कारण विरोध प्रदर्शन के 13वें दिन कुछ ही किसान पीड़ित पहलवानों को अपना समर्थन देने के लिए जंतर-मंतर पहुंच सके. शुक्रवार को यहां पहले कर तरह गहमा-गहमी कम दिखी. इस दौरान हालांकि कुछ राजनीतिक और किसान नेताओं ने पहलवानों से मुलाकात की. इसमें कांग्रेस की कुमारी शैलजा, किरण चौधरी और अनिल कुमार ने पहलवानों को अपना समर्थन दिया.
बजरंग ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि हम जेल में हैं. हर तरफ ‘बेरिकेड्स’ लगे हैं. पुलिस भी हमारे समर्थकों को गुमराह कर रही है. हमारे कई समर्थक दिल्ली की सीमा के पास बैठे हैं.’ ओलंपिक पदक विजेता बजरंग ने इससे पहले पीटीआई-भाषा से कहा, ‘हमारी कानूनी टीम और सलाहकार अगले कदम पर चर्चा कर रहे हैं. किसी चीज को अंतिम रूप देने के बाद हम आपको बतायेंगे. बजरंग, विनेश और साक्षी मलिक सहित शीर्ष पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और एक नाबालिग सहित सात पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
पहलवानों के पास पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं होने पर निचली अदालत या दिल्ली हाई कोर्ट में जाने का विकल्प है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को महिला पहलवानों की याचिका पर कार्रवाई बंद कर दी. न्यायालय ने इससे पहले इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और सात शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गयी है. पहलवानों ने हालांकि कहा कि न्यायालय का फैसला उनके लिए कोई झटका नहीं है. दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. पुलिस ने नाबालिग समेत पांच पहलवानों के बयान भी दर्ज किये हैं.