WFI Election: जानिए कैसे चुना जाता है कुश्ती संघ का अध्यक्ष, कौन देता है वोट?
Brij bhushan Sharan Singh: बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले पर जांच चल रही है. इस बीच भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव अब 6 जुलाई को तय हो गया है. कुल 15 पदों के लिए आवेदन मांगे गये हैं. यहां जानिए भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव कैसे होता है.
YWrestling Federation India Election: भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव 6 जुलाई को होंगे. चुनाव के नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे. निर्वाचन अधिकारी ने मंगलवार (13 जून) को अधिसूचना जारी इसकी जानकारी दी है. कुल 15 पदों के लिए आवेदन मांगे गये हैं. WFI के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न का मामला झेल रहे हैं और देश के कई शीर्ष पहलवान उनकी गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक प्रदर्शन कर रहे पहलवानों का नेतृत्व कर रहे हैं.
इन 15 पदों के लिए होगा चुनाव
भारतीय ओलंपिक संघ 6 जुलाई को भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव कराएगा. जारी अधिसूचना के मुताबिक जिन 15 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किये गये हैं. उनमें डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष, सीनियर उपाध्यक्ष, चार उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव के लिए दो और कार्यकारी सदस्य के लिए पांच पद हैं. चुनाव में शामिल होने को इच्छुक उम्मीदवार अपना नामांकन 23 जून से 25 जून तक कर सकते हैं. नामांकन की समीक्षा 28 जून को होगी. तो आइए जानते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव कैसे होता है.
कुश्ती संघ के चुनाव का नियम
राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के कुश्ती संघ के प्रतिनिधियों में से ही भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुनने का नियम है. बृजभूषण शरण सिंह 2011 से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने हुए हैं. साल 2019 में तो उन्हें निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था. भारतीय कुश्ती संघ की जनरल काउंसिल की बैठक में अध्यक्ष का चुनाव होता है, जो 4 साल में एक बार होती है.
क्या है अध्यक्ष चुनने का क्या है नियम?
भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव के लिए एक निर्वाचक मंडल के जरिए होता है. डब्ल्यूएफआई की वेबसाइट के मुताबिक, कार्यकारी समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों के चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल होता है. जिसमें 26 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 51 सदस्य शामिल होते हैं. आमतौरपर इसमें राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष और महासचिव निर्वाचक मंडल में होते हैं. 24 राज्य और दिल्ली से दो सदस्य निर्वाचक मंडल में होते हैं और उनको एक-एक मतदान देने का अधिकार होता है. जबकि चंडीगढ़ का एक सदस्य होता है और उसके एक वोट देने का अधिकार होता है.
जनरल काउंसिल चुनने का क्या है नियम
भारतीय कुश्ती संघ संविधान के आर्टिकल IV के मुताबिक सभी राज्य कुश्ती संघ अपने दो प्रतिनिधियों को जनरल काउंसिल में भेज सकता है. हर प्रतिनिधि के पास एक वोट डालने का अधिकार होगा. इसके अलावा सभी केंद्रशासित प्रदेश के कुश्ती संघ के एक प्रतिनिधि को जनरल काउंसिल में भेजने का नियम है और उनको एक वोट का अधिकार है. हालांकि दिल्ली एक ऐसा केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां से दो प्रतिनिधि जनरल काउंसिल में भेजे जाते हैं और उन दोनों को एक-एक वोट डालने का अधिकार होता है.
कैसा होता है कुश्ती संघ?
भारतीय कुश्ती संघ को संचालित करने के लिए एक बड़ी टीम होती है. जिसमें एक अध्यक्ष होता है. एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष और 4 उपाध्यक्ष होते हैं. इसके अलावा एक-एक मानद महासचिव और मानद कोषाध्यक्ष भी होते हैं. कुश्ती संघ में 2 मानद संयुक्त सचिव भी होते हैं. फरवरी 2019 में बृजभूषण शरण सिंह को तीसरी बार निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा कार्यकारिणी समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्य भी निर्विरोध चुने गए थे.
दूसरे खेल संघ में नहीं हो सकते शामिल-
भारतीय कुश्ती संघ के चुने गए पदाधिकारियों के लिए एक नियम ये भी है कि अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष का पद धारण करने वाला कोई भी सदस्य किसी दूसरे खेल महासंघ में सदस्य नहीं हो सकता है. हालांकि इनको IOA में शामिल होने की छूट है.
अध्यक्ष के लिए क्या योग्यता होती है?
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अध्यक्ष, महासचिव या कोषाध्यक्ष का पद धारण करने वाला कोई भी व्यक्ति IOA को छोड़कर किसी भी अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघ/संघ में एक साथ रखने के लिए पात्र नहीं होगा.
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किसी भी सदस्य, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव की उम्र 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए.
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कोई भी व्यक्ति लगातार तीन कार्यकाल या 12 वर्ष से ज्यादा अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकेगा.
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कोई भी सरकारी कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकेगा. अगर चुनाव लड़ना है तो उसे अपने विभाग से NOC लेनी होगी.
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महासचिव या कोषाध्यक्ष के पद पर कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा नहीं रह सकेगा.
क्या हैं अध्यक्ष के अधिकार?
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अध्यक्ष WFI चीफ ऑफिसर होगा. उसे जनरल काउंसिल और कार्यसमिति की मीटिंग बुलाने का अधिकार होगा.
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पॉलिसी के मुताबिक, अध्यक्ष काउंसिल को खर्च समेत सभी मामलों में गाइड करेगा.
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वह एक बार में 5000 रुपये तक की सभी खेल सामग्री को खरीदने के लिए रुपये सेंक्शन कर सकता है.
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स्टाफ की नियुक्ति और प्रमोशन और डिसमिस करने का अधिकार होगा.