दुमका के राजकीय पॉलिटेक्निक में पिछले एक दशक से आवश्यकता आधारित सेवा प्रदान करने वाले शिक्षकों को दस महीने से मानदेय का भुगतानन नहीं किया जा रहा है. ऐसे में इन शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है. ऐसे शिक्षकों ने बुधवार को पॉलिटेक्निक के गेट पर धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर विभाग के रवैये की आलोचना की. शिक्षकों का कहना था कि मानदेय तय समय से न मिलन पाने की वजह से उनको परिवार चलाने तक में परेशानी होने लगी है. शिक्षकों ने 02 फरवरी 2024 के विभागीय अवर सचिव सैयद रियाज अहमद द्वारा सभी राजकीय पॉलिटेक्निक के प्राचार्यों को भेजे गये पत्र का हवाला देते हुए मानदेय का भुगतान करने की मांग की. शिक्षकों ने कहा कि यहां भी बात नहीं बनी, तो वे आंदाेलन को वृहत रूप देने पर विचार करेंगे.
क्या कहते हैं प्राचार्य
राजकीय पॉलिटेक्निक के प्राचार्य का कहना है कि विभागीय पत्र में दिशा-निर्देश स्पष्ट नही था. कई बिंदुओं में भ्रम सी स्थिति थी. ऐसे में विभाग ने कई पॉलिटेक्निक संस्थानों द्वारा स्पष्ट मार्गदर्शन मांगा गया था. मार्गदर्शन मिलने के बाद दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 के मानदेय का भुगतान किया जा रहा है. अन्य महीनें के बकाये के भुगतान के लिए आवंटन की अधियाचना की गयी है. आवंटन प्राप्त होते ही उसका भी भुगतान कर दिया जाएगा.
कौन-कौन थे धरना कार्यक्रम में मौजूद
धरना कार्यक्रम में आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में दिलीप कुमार पाल, नीरज कुमार, कुमार सिद्धार्थ, अविनाश राउत, विकास कुमार यादव, जेनी क्रिस्टिना टुडू, पंकज सोरेन, शशि प्रकाश मुर्मू, राजीव रंजन, मो एजाज आलम, शास्वती माली, अशोक कुमार मंडल, संदीप कुमार व शुभंकर दे शामिल थे.
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