झारखंड विधानसभा चुनाव : भाजपा-आजसू मिलकर लड़ेंगे चुनाव, 8 सीटें देने पर बनीं सहमती

नयी दिल्ली : झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और आजसू के बीच आखिरकार गंठबंधन हो गया. गंठबंधन के लिए तय किये गये फामरूले के तहत भाजपा आजसू को राज्य में आठ सीटें चुनाव लड़ने के लिए देगी और शेष सीटों पर वह खुद लड़ेगी. रविवार को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2014 7:30 PM
नयी दिल्ली : झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी और आजसू के बीच आखिरकार गंठबंधन हो गया. गंठबंधन के लिए तय किये गये फामरूले के तहत भाजपा आजसू को राज्य में आठ सीटें चुनाव लड़ने के लिए देगी और शेष सीटों पर वह खुद लड़ेगी.
रविवार को भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद जब भाजपा ने राज्य की 81 में से 63 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की तो उसमें आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो की सीट से उम्मीदवार का नाम नहीं शामिल होने से यह संदेश गया था कि दोनों दलों में गंठबंधन की संभावना अब भी बनी हुई है.
हालांकि भाजपा से गंठबंधन के लिए सुदेश महतो को प्रदेश भाजपा के नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा. प्रदेश भाजपा के बड़े नेता ने हाइकमान के सामने यह प्रयास किया कि गंठबंधन नहीं हो. लेकिन झारखंड की बहुकोणीय राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए भाजपा हाइकमान ने गंठबंधन का फैसला लिया.
लोकसभा चुनाव में राज्य में 44 प्रतिशत मत पाने से उत्साहित भाजपा के महासचिव और झारखंड मामलों के प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने यहां आजसू से गठबंधन की जानकारी देते हुए कहा, हमारा लक्ष्य दो-तिहाई के बहुमत से राज्य में सरकार बनाने का है जिससे कि राज्य में न केवल स्थायी सरकार बने बल्कि वह तेजी से प्रगति के रास्ते पर बढे.
उन्होंने कहा, आज दिल्ली में भाजपा के उपाध्यक्ष रघुवर दास, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अर्जुन मुंडा तथा आजसू के अध्यक्ष सुदेश महतो एवं चन्द्रप्रकाश चौधरी के बीच बातचीत में इस गठबंधन का स्वरुप तय किया गया. इस समझौते के तहत 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए आजसू 8 सीटों पर चुनाव लडेगी और शेष पर भाजपा अपने उम्मीदवार उतारेगी.
यादव ने इस समझौते को महत्‍वपूर्ण बताते हुए दावा किया कि आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव में आजसू के साथ आने से भाजपा को भारी विजय मिलेगी और वह पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी. राज्य के कुछ अन्य छोटे दलों से भी चुनावी ताल-मेल की संभावना से इंकार नहीं करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ सीटों के लिए कुछ अन्य दलों से भी समझौता हो सकता है.
झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव 25 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच होना है. इन्हीं दिनों जम्मू कश्मीर विधानसभा के लिए भी चुनाव होंगे. भाजपा ने झारखंड विधानसभा के लिए कल जारी अपने उम्मीदवारों की सूची में पांच सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की थी. पिछले चुनाव में तीन अन्य सीटों के अलावा आजसू इन पांच सीटों पर विजयी रही थी.
आजसू पहले भी राज्य में भाजपा नीत गठबंधन सरकार का हिस्सा रही है लेकिन यह पहला अवसर है जब दोनों पार्टियों के बीच चुनाव से पहले गठबंधन हुआ है. दूसरी ओर कांग्रेस, जदयू और राजद का गठबंधन बना है जिसका भाजपा और आजसू गठबंधन से मुख्य मुकाबला होगा.
चुनावी राजनीति के कुशल रणनीतिकार माने जाने वाले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का यह गंठबंधन लाभदायक नजर आ रहा है. राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि झारखंड का भाजपा-आजसू गंठबंधन लोकसभा चुनाव में भाजपा-लोजपा गंठबंधन की तरह कमाल दिखा सकता है.
आजसू प्रमुख सुदेश महतो को भी यह गंठबंधन फायदेमंद लगा रहा है. देश में नरेंद्र मोदी की लहर को देखते हुए भाजपा के साथ गंठबंधन आजसू के लिए लाभदायक साबित होसकताहै. झारखंड में कोयरी-कुरमी आबादी की बहुलता है और उस तबके में सुदेश की अच्छी अपील भी है. इससे दोनों दलों का गठजोड़ लाभदायक साबित हो सकता है.
इन सीटों पर आजसू लडेंगी चुनाव
भाजपा और आजसू गंठबंधन के तहत आजसू पार्टी को राज्‍य में आठ सीटें दी गयी हैं. इन सीटों में चंदनकियारी, बड़कागांव, सिल्‍ली, रामगढ़, लोहरदगा और जुगसलाई शामिल हैं. बाकी दो सीटों पर दोनों पार्टियों के आला नेता बैठक कर फैसला लेंगे.

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