विधायक ढुल्लू ने किया सरेंडर, जेल गये

-पुलिस ने कुर्की रोकी -जमानत पर कल सुनवाई धनबादः बाघमारा के विधायक और जेवीएम नेता ढुल्लू महतो ने मंगलवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष की अदालत में सरेंडर किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. रंगदारी के आरोपी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने और मारपीट करने के मामले में ढुल्लू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2013 3:50 AM

-पुलिस ने कुर्की रोकी

-जमानत पर कल सुनवाई

धनबादः बाघमारा के विधायक और जेवीएम नेता ढुल्लू महतो ने मंगलवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सुभाष की अदालत में सरेंडर किया. अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

रंगदारी के आरोपी राजेश गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने और मारपीट करने के मामले में ढुल्लू फरार चल रहे थे. उनके खिलाफ कुर्की का आदेश था. पुलिस कुर्की करने पहुंची ही थी कि इधर अदालत में ढुल्लू ने सरेंडर कर दिया. कुर्की नहीं हुई. आरोपी की ओर से ललन किशोर प्रसाद ने जमानत अर्जी एपीपी मनोजकुमार सिंह से रिसीव कराकर कंप्यूटर में दाखिल कर दिया.

जमानत अर्जी पर सुनवाई 11 जुलाई को होगी. अपर जिला सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार पाठक की अदालत में 26 जून को विधायक की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.


क्या
है मामला : 12 मई 13 को विधायक ढुल्लू महतो ने नाजायज मजमा बनाकर निचितपुर स्थित राजेश गुप्ता के घर के बाहर पुलिस कस्टडी से राजेश को छुड़ा लिया था. बरोरा थानेदार रामनारायण चौधरी ने ढुल्लू महतो, राजेश गुप्ता, गंगा साव, बसंत शर्मा, रामेश्वर महतो चुनचुन गुप्ता के खिलाफ कतरास थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.

इस केस में रामेश्वर महतो को छोड़ सभी आरोपी कोर्ट में सरेंडर कर चुके है. यह मामला कतरास थाना कांड संख्या 120/13 से संबंधित है.

कोर्ट में गहमा गहमी का माहौल : विधायक ढुल्लू महतो अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ अपराह्न करीब दो बजे कोर्ट पहुंचे. कोर्ट परिसर समर्थकों से खचाखच भर गया. कुछ देर के लिए न्यायिक कार्य भी प्रभावित हो गया. इसे देखते हुए कोर्ट ने अधिवक्ता को छोड़ अन्य लोगों को कोर्ट परिसर से बाहर जाने का आदेश दिया. इसके बाद कार्रवाई शुरू हुई.


सरेंडर
से पूर्व बेल पिटिशन दाखिल : विधायक ढुल्लू महतो को कोर्ट में सरेंडर करने से पूर्व उनके अधिवक्ता को एपीपी पर बेल पिटिशन को रिसीव करने के लिए दबाव बनाते देखा गया. बाद में एपीपी मनोज कुमार सिंह ने विथ ऑबजेक्शन बेल पिटिशन को रिसीव कर हस्ताक्षर कर दिया. यह कोर्ट परिसर में चर्चा का विषय बना रहा.

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