जैविक खेती के सीखे गुर
बिहारशरीफ (नालंदा) . कई जिले के किसानों के दल ने कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के वैज्ञानिक डॉ एनके सिंह एवं डॉ संगीता कुमारी के नेतृत्व में मंगलवार को जैविक ग्राम, सोहडीह का भ्रमण किया. सोहडीह में किसानों के दल ने जैविक तरीके से खेती के गुर सीखे. किसानों के दल को खरीफ प्याज की फसल, फूलगोभी, आलू एवं हल्दी की फसल दिखायी गयी और इसके उत्पादन की जानकारी दी गयी. मौसम के हिसाब से फसल का वर्गीकरण करते हुए डॉ. एनके सिंह ने उन्हें बताया कि कुछ फसलें सभी मौसम नहीं हो सकती हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए इन फसलों को खरीफ एवं रबी में विभाजित किया गया है. उन्होंने किसानों को बताया कि सोहडीह गांव में फसल निरीक्षण के दौरान एक भी कीड़ा नहीं दिखना सबसे अहम बात है. जैविक खेती में फसल में कीड़ों का प्रकोप नहीं के बराबर होता है. जैविक पेस्टिसाइड्स काफी असरदार होता है. इसके कारण कीड़े मर जाते हैं. इसका असर काफी दिनों तक रहता है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर यह धारणा है कि जैविक तरीके से खेती करने में उत्पादन कम होता है. इसे नालंदा के किसानों ने गलत साबित कर दिखाया है. यहां के किसानों ने जैविक विधि से खेती करते हुए आलू व प्याज के उत्पादन में विश्व रिकॉर्ड बनाया है. जैविक खेती पर जोर देते हुए कृषि वैज्ञानिक श्री सिंह ने कहा कि इन उत्पादों की लाइफ अधिक होती है तथा उत्पाद की गुणवत्ता भी काफी अधिक होती है. पटना के को-ऑर्डिनेटर सुनील कुमार गुप्ता के अलावा इस दल में बेगूसराय के रोहित कुमार, दिलीप कुमार, नालंदा के सुभाष कुमार एवं रोहित कुमार, रोहतास के मनीष कुमार दुबे, कैमूर के दीपू कुमार, शिबू कुमार, पटना के विकास कुमार, प्रमोद कुमार, वैशाली के सिंटू कुमार, जहानाबाद के प्रदीप कुमार व लखीसराय के उत्तम कुमार शामिल थे. किसानों का यह दल केवीके में प्रशिक्षण टाटा रैलीज के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है.