छापेमारी के भय से छाया हड़कंप
डुमरांव. आवेदकों की संख्या के आगे कम पड़ रहा है आरटीपीएस काउंटर. इन दिनों निकले अधिकांश रिक्तियों के लिए आवास, जाति एवं आय प्रमाण पत्रों की मांग की जा रही है. इसे लेकर प्रमाण पत्र बनवाने की चिंता आवेदकों को सता रही है. वहीं आरटीपीएस की आड़ में सक्रिय विचौलिया अंचल कार्यालय के आसपास मंडराते […]
डुमरांव. आवेदकों की संख्या के आगे कम पड़ रहा है आरटीपीएस काउंटर. इन दिनों निकले अधिकांश रिक्तियों के लिए आवास, जाति एवं आय प्रमाण पत्रों की मांग की जा रही है. इसे लेकर प्रमाण पत्र बनवाने की चिंता आवेदकों को सता रही है. वहीं आरटीपीएस की आड़ में सक्रिय विचौलिया अंचल कार्यालय के आसपास मंडराते रहते हैं और आवेदकों से जल्दी प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर अवैध राशि की वसूली करते हैं. इस भ्रष्टाचार के खेल में कर्मियों की मिलीभगत रहती है. आवेदकों से चार सौ रुपये से पांच सौ रुपये तक की वसूली की जाती है. आरटीपीएस काउंटर पर छापेमारी के भय से सक्रिय दलाल नदारद दिखे.
फॉर्म भरनेवालों की संख्या बढ़ी
प्रखंड की 16 पंचायतों व नगर के 26 वार्डो से विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के लिए फॉर्म भरने वालों की संख्या अधिक बढ़ी है. कई विभागों की नियुक्ति निकली है. इस वजह से आवेदकों की भीड़ लग रही है. सबसे अधिक परेशानी महिला आवेदकों को हो रही है. इन प्रमाणपत्रों को बन वाने में अभ्यर्थियों एवं आवेदकों को खासी परेशानी होती है. एक बार आवेदन देने के बाद 14 से 21 दिनों तक प्रतीक्षा करने से आवेदकों की परेशानी की और बढ़ जाती है.
एक मात्र है काउंटर
अंचल कार्यालय में खुले एक मात्र आरटीपीएस काउंटर के कारण जहां आवेदकों की परेशानी बढ़ी है. वहीं, विचौलियों की पौ-बारह बनी है. कर्मियों की मिलीभगत से दलालों की प्रतिदिन हजारों रुपये की अवैध कमाई होती है. काउंटर पर लंबी कतार के कारण महिलाओं व विकलांगों को भी धक्का-मुक्की करना पड़ता है. दूसरी ओर दूर-दराज से आये आवेदकों को समय बीत जाने के कारण वापस लौटना पड़ता है. काउंटर पर फार्म जमा कर रहे कर्मी ने बताया कि प्रतिदिन तीन सौ से साढ़े तीन सौ आवेदन आते हैं.