लोकसभा चुनाव 2024: बिहार में एक बूथ पर औसतन 987 मतदाता डालेंगे वोट, 12 बूथों पर वोटरों की संख्या 1600 के पार            

बिहार के 459 बूथों पर 1500 से अधिक मतदाता होने के कारण राज्य में अतिरिक्त बूथ बनाये गये हैं. प्रदेश में 77392 कुल बूथ बनाए गए, जिनमें से 2785 बूथ मॉडल बनाए गए. 243 बूथों का प्रबंधन महिलाओं के जिम्मे होगा.

By Anand Shekhar | March 24, 2024 8:14 PM
an image

लोकसभा चुनाव 2024: बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर मतदान कराने की भारत निर्वाचन आयोग ने फूल प्रूफ तैयारी कर ली है. मतदाताओं को वोटिंग के लिए अधिक समय कतार में नहीं खड़ा होने पड़े, इसके लिए बूथों की संख्या अधिक बनायी गयी है. बिहार के एक बूथ पर मतदाताओं की संख्या एक हजार से कम है. राज्य में एक बूथ पर औसतन 987 मतदाता मतदान करेंगे. लोकसभा चुनाव में निर्धारित मानकों के अनुसार एक बूथ पर 1500 मतदाताओं को मतदान कराने का प्रावधान है. आयोग ने चुनाव से पहले ही राज्य के 459 ऐसे बूथों को चिह्नित कर लिया है, जहां पर मतदाताओं की संख्या 1500 और उससे अधिक हैं.

12 बूथों पर वोटरों की संख्या है 1600 के पार            

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने चुनावी घोषणा के साथ बताया कि राज्य में 447 बूथ ऐसे हैं जहां पर मतदाताओं की संख्या 1500 से अधिक थी. साथ ही राज्य में 12 बूथ ऐसे थे जहां पर मतदाताओं की संख्या 1600 से अधिक थी. ऐसे सभी बूथों पर अतिरिक्त बूथ बनाये गये हैं, जिससे मतदाताओं को मतदान करने में कम समय लगेगा.

इधर, राज्य राज्य में कुल 77392 बूथ बना लिये गये हैं. इनमें से 2785 बूथों को मॉडल बूथ बनाया गया है. ये बूथ वोटर फ्रेंडली होंगे, जहां पर सेल्फी प्वाइंट से लेकर बाल सुलभ केंद्र तक बनाये जायेंगे. राज्य के 243 बूथों का प्रबंधन महिलाओं के जिम्मे सौंपा गया है, जबिक 76 बूथों का मैनेज युवा और 40 बूथों का मैनेजमेंट दिव्यांगों को दिया गया है.

7.67 करोड़ वोटरों को जागरूक करने के लिए मैदान में उतरेंगी 1.30 करोड़ दीदियां

बिहार के राजनीतिक दल टिकटों के बंटवारे में अभी गुणा-भाग ही कर रहे हैं. सीटों का फॉर्मूला तय हो जाने के बाद भी कई दलों के उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं हो रहे हैं. राजनीतिक दलों की इस ऊहापोह के बीच वोटरों को बूथों तक लाने की कवायद बिहार में शुरू हो गयी है.

बिहार के लगभग सात करोड़ 67 लाख मतदाताओं को जागरूक करने के लिए 1.30 करोड़ जीविका दीदियों को मैदान में उतारा जा रहा है. गांव-पंचायत में वोटरों को जागरूक करने के लिए दीदियों को कई टास्क सौंपे गये हैं. जीविका दीदियों को सरकार की ओर से कई योजनाओं का क्रियान्वयन करने के काम मिले हैं. सरकार उन्हें धन देकर उनके व्यापार को सपोर्ट करती है. इसकी समीक्षा के लिए वे नियमित बैठकें करती हैं. पूरे चुनाव तक अब इनकी बैठकों का प्रमुख एजेंडा मतदाता जागरुकता होगा.

बैठक की शुरूआत मतदाता जागरूकता अभियान की कवायदों से होगी. इस दौरान वोटरों को जागरूक करने के लिए किये गये कार्यों और आगे के कार्यों पर चर्चा होगी. बैठक का समापन शपथ के साथ होगा. इसमें अपने परिवारों के साथ दूसरे को वोट दिलवाने की शपथ ली जायेगी.

जीविका दीदियों के नारे भी किये गये तय

मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रभातफेरी, रैली, शपथ कार्यक्रम आदि किये जायेंगे. कैंडल मार्च, रंगोली और मेहंदी प्रतियोगिता के माध्यम से भी वोटरों को जागरूक किया जायेगा. इस दौरान जीविका दीदियों की ओर से ”मेरा वोट मेरा भविष्य”, ”सारे काम छोड़, सबसे पहले वोट, ” सरीखे नारे लगाये जायेंगे.

2019 के चुनाव में पुरुषों से अधिक महिलाओं ने डाले थे वोट

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 57.3 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे. इसमें आधी आबादी का हिस्सा 59.58 प्रतिशत था. 54.9 फीसदी पुरूषों ने वोट डाले थे. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में 57.3 फीसदी वोट डाले गये थे. इसमें भी महिलाओं की भागीदारी अधिक थी. कुल पड़े मतदान में महिलाओं की भागीदारी 59.7 फीसदी और पुरूषों का हिस्सा 54.7 प्रतिशत था. बिहार में महिलाएं बढ़-चढ़कर वोट देती हैं. इसे बरकरार रखने के लिए जीविका दीदियों को कमान सौंपी गयी है.

आदर्श आचार संहिता : वोटरों को मतदान में बिना बाधा के सहयोग करें दल और प्रत्याशी

भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए मतदान के दिन को लेकर एडवाइजरी जारी की है. मतदान के दिन राजनीतिक दल और सभी प्रत्याशी मतदाताओं को बिना बाधा पहुंचाये मतदान करने में सहयोग करेंगे. राजनीतिक दल व प्रत्याशी अपने अधिकृत कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र दें, जिससे उनकी आसानी से पहचान हो सके.

  1. मतदान केंद्र पर पार्टी के अधिकृत कार्यकर्ता मतदाताओं को वोटर स्लिप देने में सावधानी बरतें.
  2. मतदाताओं को सादे पेपर पर बिना किसी प्रत्याशी के नाम, चुनाव चिह्न या अन्य प्रकार के पहचान पत्र का स्लिप जारी करेंगे.
  3. मतदान के दिन शराब या किसी प्रकार के प्रलोभन की वस्तुओं के बांटने पर सख्त मनाही रहेगी.
  4. मतदान के दिन किसी प्रकार की भीड़ राजनीतिक दल या किसी प्रत्याशी के कैंप के पास नहीं रहेगी.
  5. मतदान केंद्र के पास प्रत्याशियों के कार्यकर्ताओं में किसी प्रकार का विवाद या टेंशन पैदा नहीं किया जाना चाहिए.
  6. किसी प्रत्याशी के प्रति सहानुभूति भी प्रदर्शित नहीं की जानी चाहिए.
  7. मतदान के दिन सभी प्रत्याशियों के कैंप को साधारण रूप में रखना है. कैंप में किसी प्रकार का पोस्टर का प्रदर्शन नहीं किया जाना है.
  8. प्रत्याशी अपने कैंप में न तो अपने पार्टी का झंडा लगायेंगे और ना ही चुनाव चिह्न या प्रोपेगंडा सामग्री का प्रदर्शन करेंगे.
  9. कैंप में किसी प्रकार की भीड़ की अनुमति नहीं होगी. मतदान के दिन प्रत्याशियों को वाहन के लिए दिये गये अनुमति पत्र को प्रमुखता से वाहन पर प्रदर्शित करना होगा.
  10. मतदान के दिन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पास के बगैर को किसी को भी बूथ के अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

Also Read : पिछले दो लोकसभा चुनाव में 15 फीसदी उम्मीदवार भी नहीं बचा सके जमानत, 10 फीसदी से भी कम रही महिलाओं की भागीदारी

Exit mobile version