असम से 7 लाख में खरीद कर ट्रेन से लाया गया था AK-47, किस गिरोह को देनी थी सप्लाई, चल रही जांच
मुजफ्फरपुर में बिहार STF ने तीन हथियार तस्करों को AK-47 के साथ गिरफ्तार किया है. यह राएफल असम के दिमापुर से लाई गई थी.
Muzaffarpur News: बिहार एसटीएफ की स्पेशल टीम व जिला पुलिस की विशेष टीम की कार्रवाई में पकड़ी गयी प्रतिबंधित एके- 47 एसॉल्ट राइफल नागालैंड के दीमापुर से सात लाख रुपये में खरीद कर लायी गयी थी. पुलिस व राष्ट्रीय जांच एजेंसी को चकमा देने के लिए हथियार तस्कर एके – 47 को असेंबलिंग (पार्ट्स को अलग-अलग ) करके लाया था.
अत्याधुनिक घातक हथियार की बरामदगी में दो ममेरे भाई समेत तीन हथियार तस्कर को गिरफ्तार किया है. इनके पास से एके-47 एसॉल्ट राइफल लेंस लगा हुआ, पांच कारतूस और तीन मोबाइल फोन बरामद बरामद किया गया है. दो हथियार तस्करों को मुजफ्फरपुर जंक्शन के बाहर से पकड़ा गया. उनके निशानदेही पर तीसरे अपराधी को फकुली थाना के मनकौली से गिरफ्तार किया गया.
गिरफ्तार तस्करों में जैतपुर थाना के पोखरैरा निवासी विकास कुमार, वैशाली जिले के हाजीपुर के नगर थाना स्थित अंजानपीर निवासी सत्यम कुमार व मुजफ्फरपुर के फकुली थाना के मनकौली निवासी देवमणि राय उर्फ अनीस शामिल है. विकास और सत्यम आपस में ममेरे भाई है. इसका खुलासा बुधवार को एसएसपी राकेश कुमार ने की है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तस्कर दूसरे राज्य से एके – 47 को असेंबल करके लाये थे.
चार माह से एसटीएफ व जिला पुलिस की विशेष टीम लगी थी पीछे
एसएसपी ने बताया की पिछले चार महीने से एसटीएफ और जिला पुलिस की टीम अत्याधुनिक हथियार की तस्करी करने वाले गिरोह पीछे पड़ी हुई थी. इस बीच सात मई की तड़के सुबह ढाई से तीन सूचना मिली कि जंक्शन के बाहर दो तस्कर जंक्शन के बाहर खड़े हैं. वह ट्रेन से उतरे हैं. उनके पास प्रतिबंधित हथियार एके – 47 एसॉल्ट राइफल का कुछ पार्ट्स है. सूचना के आलोक में एसटीएफ व पुलिस टीम ने जंक्शन के बाहर घेराबंदी करके दोनों शातिर विकास व सत्यम को पकड़ लिया. उनकी तलाशी ली तो एके- 47 का बट और लेंस बरामद किया गया.
फिर, दोनों को गोपनीय स्थान पर रखकर कड़ाई से पूछताछ की गई. पूछताछ में दोनों ने बताया की फकुली थाना के मनकौली गांव में छापेमारी कर मुखिया भोला राय के बेटे अनीश उर्फ देवमनि के घर पर छापेमारी करके उसको पकड़ा गया. उसके निशानदेही पर घर के पास एक खाली परित्यक्त जगह से एके 47 बरामद हथियार व पांच जिंदा कारतूस बरामद किया गया. वह बिना बट की थी. उसमें स्टेशन रोड से बरामद बट व लेंस जोड़ा गया तो वह बिलकुल फिट बैठ गया.
कहां से हथियार लाते थे, कहां करते थे सप्लाई चल रही जांच
तीनों हथियार तस्करों से पूछताछ में काफी महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार हथियार तस्कर कहां से हथियार लाते थे और किसको सप्लाई करते थे. इस बिंदु पर जांच चल रही है. पकड़ाये शातिरों के निशानदेही पर इनके गिरोह के अन्य तस्करों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. इसमें पुलिस की कार्रवाई अभी जारी है. आगे और भी बेहतर परिणाम आने की संभावना है.
दूसरे राज्य से हथियारों की होती है डिलिंग
लंबे अरसे के बाद इस इलाके से बिहार एसटीएफ और जिला पुलिस ने एके-47 बरामद की है. एके-47 जैसे घातक हथियार की डिलिंग में किसी बड़े आपराधिक गिरोह की तो संलिप्तता नहीं है. इसपर अनुसंधान प्रभावित ना हो इस वजह से एसएसपी कुछ भी बोलने से इनकार किया है. एसएसपी ने कहा कि एके- 47 जैसे हथियार की तस्करी के सभी बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज पर काम किया जा रहा है.
हथियार लाने के लिए साथ में महिला को ले जाते थे तस्कर, टूर पर आने की कहते थे बात
एके – 47 के साथ गिरफ्तार तीनों तस्कर काफी प्रोफेशनल है. ये शातिर अधिकांश हथियार की खेप दूसरे राज्यों से लाते थे. बड़े व अत्याधुनिक हथियार का पाटर्स अलग- अलग करके लेकर आते थे. पुलिस व अन्य राष्ट्रीय जांच एजेंसी शक ना करे इसके लिए अपने साथ महिला को ले जाते थे. ताकि परिवार दिखे. कोई पूछे तो टूर पर आने की बात कहता था. यह गिरोह ट्रेन व चार पहिया वाहन से हथियार की खेप लाता था.
हथियार तस्करों के जब्त तीनों मोबाइल से जुड़ सकता है, बड़े आपराधिक गिरोह का तार
पुलिस को हथियार तस्करों का तीन मोबाइल फोन भी मिला है. अब उसके कॉल डिटेल्स और सीडीआर से बड़े आपराधिक गिरोह से तार जुड़ सकता है. पुलिस तीनों के मोबाइल की चैटिंग और फोटो गैलरी भी खंगाल रही है. संभावना जताई जा रही है कि मोबाइल की जांच से पुलिस बड़े अपराधिक गिरोह तक पहुंच सकती है.
फकुली थाने में प्रतिबंधित हथियार तस्करी की धारा में प्राथमिकी
फकुली थाने में एके- 47 की बरामदगी को लेकर प्रतिबंधित हथियार तस्करी की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसमें गिरफ्तार तीनों तस्कर को नामजद व अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया है. एसटीएफ व पुलिस मुजफ्फरपुर व पड़ोसी जिले में किस- किस बड़े आपराधिक गिरोह के पास एके- 47 जैसा घातक हथियार है, उसकी भी कुंडली खंगाल रही है. कहीं उन्ही में से किसी गिरोह को तो एके 47 सप्लाई नहीं किया जाना था इस बिंदु पर भी जांच चल रही है.