ब्रजेश, भागलपुर
Bhagalpur News बालू और पत्थर की अवैध ढुलाई करने वाले वाहनों को अब कोई भी पहचान लेगा. खनन अधिकारियों को भी ऐसे वाहनों की पहचान करने में दिक्कत नहीं होगी. वाहनों की पहचान अब हर किसी के लिए आसान होगी. खनिजों से लदी वाहन रोड पर निकलने के साथ कोई भी बता देगा कि वह वैध है या फिर अवैध ढुलाई करने वाहन. नयी व्यवस्था के अनुसार खनन सॉफ्ट में निबंधित जीपीएस लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना होगा. पट्टी पर चारों तरफ छह इंच के आकार में खनन वाहन निबंधन संख्या (खनन सॉफ्ट में निबंधन संख्या) और वाहन संख्या अनिवार्य रूप से अंकित करना होगा. यह एक जुलाई से लागू होगा. इससे अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगेगी. बालू की ढुलाई में लगे वाहनों में जीपीएस लगाने की अनिवार्यता पहले से ही की गयी है.
पोर्टल पर जान सकेंगे कि वाहन के लिए बालू का चालान कब तक वैध है
बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किये गये और जीपीएस लगे वाहनों को ही परिवहन चालान निर्गत करेंगे. बालू व पत्थर सहित खनिज लदे वाहनों के लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जांच की जा सकेगी. आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे. साथ ही वाहन संख्या डालकर खनन सॉफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उक्त वाहन के लिए बालू का चालान कब तक वैध है. विशिष्ट पहचान के बिना यदि बालू का परिवहन करते वाहन पाया जाएगा तो यह स्पष्टतः अवैध बालू की ढुलाई का मामला होगा. सूचना के बाद इस पर कार्रवाई हो सकेगी.
खनिज पदार्थों की ढुलाई में लगे वाहनों के मालिकों को दी जा रही सूचना
पहली जुलाई से पूर्व सभी वाहनों पर लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना होगा. इसके लिए खान व भूतत्व विभाग, भागलपुर की ओर से वाहन मालिकों को नयी व्यवस्था के बारे में जानकारी दी जाने लगी है. वहीं, वाहन मालिकों की ओर से भी आश्वस्त किया जा रहा है कि वह अपने वाहनों पर लाल रंग की पट्टी रंगाने का काम कर लेगा.
सालभर से लटके पांच बालू घाटों को बंदोबस्त करने की प्रक्रिया शुरू
जिले के तीन नदियों के पांच बालू घाटों की बंदोबस्ती एक साल से नहीं हो सकी है. इसके बंदोबस्त करने की प्रक्रिया अब शुरू हो गयी है. खनन विभाग से जल्द ही निविदा जारी होगी. इसमें चांदन नदी का तीन, गोरुआ नदी का एक एवं अंधरी नदी का एक बालू घाट शामिल है.
इनवायरमेंट क्लियरेंस मिलने के साथ चालू होगा घाट का संचालन
जिले में चार बालू घाटों की बंदोबस्ती हुई लेकिन, गेरुआ नदी का सिर्फ यूनिट-1 बालू घाट संचालित हो रहा है. बाकी तीन नदियों के तीन बालू घाटों का संचालन एनवायरमेंट क्लीयरेंस नहीं मिलने से अटका है. इस पर मुख्यालय ने संज्ञान लिया है और इसके लिए रिमाइंडर भेजा है. बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों के अंदर क्लीयरेंस मिलने की उम्मीद है. इधर, एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के साथ बंदोबस्त
कोसी नदी का यूनिट- 01,
गेरुआ नदी का यूनिट- 03
चांदन नदी का यूनिट- 04 बालू घाट संचालित होने लगेगा.
रजिस्टर्ड जीपीएस लगे वाहनों पर चारों तरफ से लाल रंग की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना अनिवार्य होगा. यह नयी व्यवस्था एक जुलाई से लागू होगी. बालू व पत्थर के अवैध खनन करने वालों की आसानी से पहचान हो सकेगी. इस पर रोक लग सकेगा. एनवायरमेंट क्लीयरेंस मिलने के साथ तीन नदियों के बालू घाटों का संचालन होने लगेगा. बंदोबस्ती पहले ही हो चुकी है. जिस घाटों का बंदोबस्ती नहीं हुई है, उसकी निविदा जल्द ही निकाली जायेगी.
केशव कुमार, जिला खनिज विकास पदाधिकारी