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Bihar: किर्गिस्तान में फंसे हैं बिहार के कई लोग, भारत सरकार से लगायी वतन वापसी की गुहार

Bihar: किर्गिस्तान में हो रहे दंगे के बीच बिहार के कई लोग वहां फंसे हुए हैं. भारत के लोगों पर हमले शुरू हो गये हैं. इधर उच्चायोग इन लोगों की कोई मदद करने का तैयार नहीं दिख रहा है. ऐसे में इनके परिजनों ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगायी है.

Bihar: पटना. किर्गिस्तान में हो रहे दंगे के बीच बिहार के कई लोग वहां फंसे हुए हैं. वे लोग भारत सरकार से वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं. इन लोगों में सुपौल जिला अंतर्गत प्रतापगंज प्रखंड के भवानीपुर दक्षिण पंचायत का एक युवक भी शामिल है. भवानीपुर दक्षिण पंचायत के वार्ड 1 निवासी मो रब्बान का पुत्र मो इजराइल (21) 10 माह पूर्व ही नौकरी के लिए किर्गिस्तान गया था. वहां वह किसी कपड़े की फैक्ट्री में काम करता था. मोहम्मद इजराइल ने बताया कि 13 मई से ही किर्गिस्तान में तनाव का माहौल है. हालांकि इस बीच भी उसका काम जारी रहा, लेकिन 18 मई को अचानक माहौल ज्यादा बिगड़ गया. इसके बाद कंपनी के लोगों ने मोहम्मद इजराइल सहित करीब दो दर्जन कर्मचारी को एक कमरे में शिफ्ट कर दिया. कंपनी की ओर से उपलब्ध कराए गए उस कमरे में भोजन पानी का भी प्रबंध किया गया है, लेकिन समस्या यह है कि कंपनी के लोग भी ज्यादा दिनों तक तनाव रहने की स्थिति में अपने हाथ समेट रहे हैं.

वीडियो में दिख रहा एक घायल

किर्गिस्तान में फंसे बिहार के लोग वापस अपने वतन वापसी की गुहार लगा रहे हैं. उनका आरोप है कि बीते कुछ दिनों से किर्गिस्तान में किसी कारणवश स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानी, मिस्र व भारतीय लोगों पर जानलेवा हमला शुरू कर दिया है, जिसमें कमरे में मौजूद कुछ लोग भी घायल हुए हैं. हालत तनावपूर्ण होने की वजह से मजदूरों का सही से इलाज भी संभव नहीं हो पा रहा है. आरोप यह भी है कि किर्गिस्तान के स्थानीय लोगों के द्वारा इनलोगों को जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है. उनका कहना है कि कमरे में मौजूद मजदूरों में सुपौल के इजराइल सहित छपरा जिला के एमडी मोहम्मद, उतर प्रदेश स्थित माऊ के बृजेश, दरभंगा जिला के सुनील, मोतिहारी जिला के आरिफ, पूर्णिया जिला के इरफान, सीतामढ़ी जिला के बैदेही और शिव पूजन, किशनगंज जिला के मकसूद और अंसार सहित अन्य लोग शामिल हैं.

भारतीय उच्चायोग से नहीं मिल रही सहायता

मोहम्मद इजराइल ने एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें एक ही कमरे में दो दर्जन से ज्यादा लोग नजर आ रहे हैं. वीडियो में मोहम्मद इजराइल यह दावा कर रहा है कि हालात बिगड़ने के बाद वहां कमरे में मौजूद लोगों ने किर्गिस्तान में भारतीय उच्चायोग से भी संपर्क साधा. हालांकि वहां से भी इन लोगों को कोई मदद नहीं मिली. यहां तक कि उच्चायोग के अधिकारियों ने इन लोगों से ही यह पूछ डाला कि ये लोग उच्चायोग से पूछ कर यहां आए थे क्या? बहरहाल, उच्चायोग से मदद नहीं मिलने से ये लोग में निराशा है.

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परिवार में पहला शख्स है इजराइल

किर्गिस्तान में फंसा 21 वर्षीय मोहम्मद इजराइल अपने परिवार से विदेश जाने वाला पहला शख्स है. उसके पिता मो रब्बान गांव में ही राजमिस्त्री का काम करते हैं. पांच भाई-बहनों में मोहम्मद इजराइल सबसे बड़ा है. उससे छोटा भाई मो जिब्राइल जयपुर में मजदूरी करता है, जबकि अन्य दो बहन और एक भाई पढ़ाई करते हैं. इजराइल के विदेश में फंसे होने की खबर मिलने के बाद उसकी मां सबिला खातून सहित अन्य परिजनों को उसकी चिंता सताने लगी है. परिजन उसके वतन वापसी के लिए सरकार से पहल करने की अपील कर रहे हैं.

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