कैंसर के इलाज के लिये पैथोलॉजी रिपोर्ट सबसे जरूरी, SKMCH में बिहार ऑनकोपैथोलॉजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन
होमी भाभा कैंसर अस्पताल ओर स्वास्थ्य विभाग की थी संयुक्त पहल से SKMCH में बिहार ऑनकोपैथोलॉजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जहां वक्ताओं ने कहा कि बिहार में कैंसर विभाग, पर पैथोलॉजी विकसित नहीं
मुजफ्फरपुर के होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, स्वास्थ्य विभाग और SKMCH के संयुक्त तत्वाधान में SKMCH में चल रहे दो दिवसीय बिहार ऑनकोपैथोलॉजी कॉन्फ्रेंस का शनिवार को समापन हुआ. जिसमें होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, SKMCH, कई मेडिकल कॉलेज सहित नेपाल के डॉक्टर और विद्यार्थी शामिल हुए. कार्यक्रम की शुरुआत SKMCH की प्राचार्य प्रो डॉ आभा रानी सिन्हा, मुंबई के टाटा मेमोरियल सेंटर के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ सुमित गुजराल और डॉ रविकांत सिंह ने दीप जला कर किया.
पैथोलॉजी का शिक्षण और प्रशिक्षण सुधारने की जरूरत
कैंसर अस्पताल के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह ने कॉन्फ्रेंस की उपयोगिता पर बाेलते हुए कहा कि SKMCH के सहयोग से यहां हिमोग्लोबीन से ह्यूमन सिक्वेंस तक जांच हो जाती है. बिहार में पैथोलॉजी का शिक्षण और प्रशिक्षण दोनों को सुधारने की जरूरत है. खासतौर पर कैंसर के क्षेत्र में इस प्रशिक्षण में ब्लड कैंसर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर और मुंह का कैंसर की जांच पैथोलॉजी पर आधारित था. उन्होंने कहा कि इस तरह का कॉन्फ्रेंस हमलोग हर साल आयोजित करेंगे, जिससे बिहार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में जांच की गुणवत्ता और बेहतर हो सके.
कैंसर में पैथोलॉजी रिपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान के पैथोलॉजी प्रभारी डॉ जकारिया चौधरी ने कहा कि कैंसर में पैथोलॉजी रिपोर्ट सबसे महत्वपूर्ण है. पैथोलॉजी विभाग कैंसर मैनेजमेंट में रीढ़ की भूमिका निभाती है. बिहार में कैंसर विभाग है, लेकिन पैथोलॉजी इतना विकसित नहीं हुआ है. इस कॉन्फ्रेंस से उन्हें बेहतर करने की कोशिश की गई है. इसका सुखद परिणाम भविष्य में देखने को मिलेगा. अभी रिपोर्ट के लिए मरीजों को समय लगता है. उसे भी कम करने की कोशिश की जायेगी.
मौके पर 100 प्रतिनिधि मौजूद रहे
इस मौके पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र की उप अधीक्षक डॉ तूलिका गुप्ता, डॉ बुरहान, डॉ असवरी पाटिल, डॉ प्रवीण महाजन, डॉ श्वेता राजपाल सहित 100 प्रतिनिधि मौजूद थे.