Bihar Weather: उमस वाली गर्मी से अभी राहत नहीं, मंगलवार से पटना में बदलेगा मौसम
Bihar Weather: बिहार में अभी उमस भरी गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है. मंगलवार से मौसम में कुछ बदलाव होने की संभावना है.
Bihar Weather: पटना. अभी लोग भीषण गर्मी और गर्म पछुआ हवा के झोंकों से झुलस रहे हैं पर मौसम को लेकर सजग और चौकस रहने की जरुरत है क्योंकि मौसम का मिजाज बहुत जल्द बदलने वाला है. पटना और आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार से मौसम में परिवर्तन होने के आसार बने हैं. इस दौरान बादल छाये रहने और कई जगहों पर आंधी चलने की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 26 मई की मध्य रात्रि को चक्रवाती तूफान बंगला देश और पश्चिमी बंगाल के तटों के टकरायेगा. हालांकि बिहार में इसका कोई खास असर नहीं पकड़ने वाला है. वैसे मौसम विशेषज्ञों की मानें तो बंगाल की सीमा करीब होने के कारण इस चक्रवातीय तूफान का असर कमोबेश पूर्णिया पर भी हो सकता है. बिहार में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है.
13 से 18 जून के बीच बिहार में पहुंचेगा मानसून
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि राज्य में अभी पूर्वा हवा चल रही है. इसके कारण दो-तीन दिनों तक उमस वाली गर्मी से राहत नहीं मिलेगी. तीन चार दिनों के बाद एक बार फिर से दक्षिण पश्चिमी हवा का प्रवाह शुरू होगा. इससे वातावरण में गर्मी बढ़गी. इधर, एक दिन ठहरने के बाद मानसून के चाल से आगे बढ़ते रहने की संभावना है. इस कारण अभी तक जारी पूर्वानुमान के अनुसार 13 से 18 जून के बीच बिहार में मानसून पहुंच सकता है. वहीं, शनिवार को शहर के अधिकतम तापमान में सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गयी. शहर का अधिकतम पारा 40.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 30.6 डिग्री सेल्सियस रहा.
दो डिग्री सेल्सियस बढ़ा तापमान, धूप में रही तल्खी
पिछले तीन दिनों में दो डिग्री तापमान की बढ़ोतरी से शनिवार को मौसम काफी गर्म रहा. यहां का अधिकतम तापमान 37.5 और न्यूनतम तापमान 27.5 रिकॉर्ड किया गया. तापमान बढ़ने से धूप में तल्खी बढ़ गयी. डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के जारी आंकड़ों के अनुसार हवा की गति में भी तेजी रही. करीब 5.1 किमी प्रति घंटा के हिसाब से पूरवा हवा चली. सुबह से आर्द्रता 83 व दोपहर दो बजे से 56 फीसदी रहा. अगले दो दिनों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक जाने की संभावना व्यक्त की गयी है. फिलहाल 24 घंटे तक बारिश का अनुमान नहीं है. जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि गर्मी के साथ आर्द्रता बढ़ने से एइएस का खतरा बढ़ जाता है. इस लिहाज से जून तक अभिभावकों को एइएस से बचाव के लिए बताये गये सभी उपाय का पालन करना होगा.
चक्रवातीय तूफान के दायरे में आ सकता है पूर्णिया
चक्रवातीय तूफान का असर पूर्णिया में 26 की रात से 31 मई के बीच तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावनाा है. इस दौरान आसमान में बादल छाये रहेंगे और वज्रपात की भी संभावना बनी हुई है. इस दौरान तेज हवा और बारिश की संभावना मौसम विभाग ने बतायी है. आईएमडी के मुताबिक चूंकि यह चक्रवातीय तूफान बहुत मजबूत नहीं है इसलिए इससे बहुत नुकसान की संभावना नहीं है. आईएमडी की मानें तो आगामी 28 मई से हवा का रुख बदलेगा. इस दौरान पछुआ हवा चलेगी जिससे तापमान में दो से तीन डिग्री की बढ़ोत्तरी होगी. इधर, शनिवार को मौसम शुष्क रहा और भीषण गर्मी से लोग बेहाल व परेशान रहे.
मौसम में अचानक आये बदलाव
दरअसल, दो दिनों से मौसम के तेवर में अचानक आए बदलाव के कारण लोग भीषण गर्मी से परेशान हैं. हालांकि इस महीने के शुरुआती हफ्ते में मौसम का मिला-जुला मिजाज था. इस बीच बारिश भी हुई जिससे लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली पर पिछले दो दिनों से आसमान बारिश की बजाय आग उगल रहा है. शनिवार को पूर्णिया में मौसम का अधिकतम तापमान 39.5 एवं न्यूनतम तापमान 28.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया. इस बीच शनिवार की सुबह ही सूरज के तल्ख तेवर के साथ हुई. आठ बजते-बजते आसमान से आग बरसने लगा. दस बजे के आसपास तापमान 38 डिग्री सेल्सियस पर था जबकि दोपहर होते-होते तापमान की रीयल फीलिंग 42 डिग्री के करीब हुई. इस बीच शहरवासी गर्म हवा के थपेड़ों से बेचैन और बेहाल रहे. अचानक बढ़ी भीषण गर्मी का पारा चढ़ जाने से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर रह गया है. मौसम का पारा 40 के पार हो जाने से शनिवार की दोपहर अपेक्षाकृत काफी तीखी हो गई.
दोपहर में घर लौटना मुश्किल
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो पूर्णिया में तापमान का आंकड़ा पूर्वानुमान से ज्यादा है. शनिवार को तापमान का तेवर इस कदर देखा गया कि शहर में पैदल चलना मुश्किल था. शुक्रवार को भी वही हाल था. हालांकि स्कूल मॉर्निंग कर दिया गया है जिससे बच्चों को थोड़ी राहत जरूर हुई है मगर दोपहर में घर लौटना बढ़ा मुश्किल हो गया है. सुबह के आठ बजे तक तापमान इतनी बढ़ गई कि लोग या तो घरों से बाहर नहीं निकले अथवा छाते के सहारे ही काम पर गये. भीषण गर्मी, बढ़ते तापमान और कड़ी धूप के कारण आम आदमी के साथ-साथ मवेशियों की भी परेशानी बढ़ गयी है. ग्रामीण इलाके में मकई समेत अन्य फसलें झुलसने लगी हैं. किसान परेशान हो उठे हैं और आन-फानन में पटवन करने लगे हैं. गर्मी के बढ़े तेवर से न सिर्फ फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ा है बल्कि किसान व पशुपालक भी परेशान होकर रह गये हैं. पालतू पशुओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है.