भागलपुर में किला घाट के पास जमुनिया नाला पर बनेगा पुल, 40 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा फायदा
भागलपुर: किलाघाट के पास ही अब जमुनिया नाला पर पुल बनेगा. इसको मंजूरी भी मिल गयी है. वहीं, पुल का निर्माण की जिम्मेदारी भी तय करते हुए ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर को सौंप दी गयी है.
भागलपुर: शंकरपुर और अजमेरीपुर बेरिया पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को अब नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा और न ही जिला मुख्यालय आने-जाने के लिए जमुनिया नाला पर चचरी पुल बनाने की जरूरत पड़ेगी. यह तय कर लिया गया है कि किलाघाट के पास ही अब जमुनिया नाला पर पुल बनेगा. इसको मंजूरी भी मिल गयी है. वहीं, पुल का निर्माण की जिम्मेदारी भी तय करते हुए ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल, भागलपुर को सौंप दी गयी है. विभाग ने भी एक कदम आगे बढ़कर डीपीआर बनवाने वाली कंसल्टेंट एजेंसी बहाल कर लिया है. ओडिशा की सीओमा कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड की टीम गुरुवार को भागलपुर पहुंची और जूनियर इंजीनियर मिहिर कुमार के नेतृत्व में टीम ने मिट्टी जांच शुरू की है. मिट्टी का सैंपल लिया जा रहा है. मिट्टी की जांच ओडिशा के लेबोरेटरी में करायी जायेगी. पुल का निर्माण मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना से होगा और यह स्टेट फंड से बनेगा.
बता दें कि बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव को जमुनिया नाला पर शंकरपुर पंचायत के दारापुर गांव को जोड़ने वाले पुल निर्माण के संबंध में प्रशासनिक स्वीकृति के लिए पत्र लिखा था. सचिव को लिखे पत्र में प्रबंध निदेशक ने कहा था कि इस पुल के निर्माण कार्य का प्राक्कलन पूर्व में भी भेजा गया था. 08 अप्रैल 2015 को भेजे गए प्राक्कलन को स्वीकृति नहीं मिल सकी थी. इस पुल के निर्माण के लिए तकनीकी स्वीकृति मिलने पर फिर अद्यतन दर पर तैयार प्राक्कलन प्रशासनिक स्वीकृति के लिए समर्पित किया गया था.
पुल सहित 96.84 किमी गांवों में बनेगी सड़क
जमुनिया नाला पर सिर्फ पुल ही नहीं बनेगा, बल्कि ग्रामीण सड़क भी बनायी जायेगी. पुल सहित ग्रामीण सड़कों की लंबाई 96.84 किमी होगी. यानी, शंकरपुर और अजमेरीपुर बेरिया पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांवों आपस में जुड़ जायेंगे. शहर के साथ गांवों की कनेक्टिविटी भी बढ़ जायेगी. वर्तमान समय में गांवों की कच्ची सड़क है.
ओडिशा की कंसल्टेंसी एजेंसी बनायेगी डीपीआर
पुल और सड़क का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट चयनित ओडिशा की कंसल्टेंसी एजेंसी ही बनायेगी. ग्रामीण कार्य विभाग का मानना है कि अगले तीन माह में डीपीआर बनकर आ जायेगा और इसके बाद ठेका एजेंसी के चयन की प्रक्रिया अपनायी जायेगी. निविदा के माध्यम से ठेका एजेंसी चयनित कर काम शुरू कराया जायेगा.
40 हजार से अधिक आबादी को होगी आवागमन की सुविधा
जमुनिया नाला पर पुल और सड़क बनने से शंकरपुर, दारापुर, बिंद टोली, सहूनिया, बंडाल, मोहनपुर दियारा, रसीदपुर, अजमेरिपुर सहित दो पंचायत के दो दर्जन गांवों के 40 हजार से अधिक आबादी को आवागमन की सुविधा होगी. वर्तमान में गांव से जिला मुख्यालय आने के लिए ग्रामीण विश्वविद्यालय के रविंद्र भवन के पीछे, गोलाघाट, सकीचन घाट पर आपस में चंदा कर ग्रामीण खुद चचरी पुल बनाते हैं. जान जोखिम में डालकर ग्रामीण इस चचरी पुल से आना-जाना करते हैं. बाढ़ में पुल ध्वस्त होने से आवागमन की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती है. लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है. पुल बनने से अब इस मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा.
डीपीआर बनने के बाद निकलेगा ठेका
किला घाट के पास जमुनिया नाला ही पुल बनेगा. इसके ऊपर सड़क भी बनेगी. डीपीआर कंसल्टेंट एजेंसी चयनित हो गयी है. ओड़िशा की एजेंसी है. सर्वे कर रही है. मिट्टी जांच के लिए सेंपल भी लिया गया है. डीपीआर बनने के बाद ठेका एजेंसी के लिए निविदा निकाली जायेगी और चयनित कर काम शुरू कराया जायेगा.
प्रताप पासवान, कार्यपालक अभियंता