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आर्सेनिक ग्रस्त क्षेत्रों में हर रोज 10 लीटर शुद्ध पानी

नेशनल ग्रीन ट्रियूबनल (एनजीटी) ने राज्य भर के सभी आर्सेनिक ग्रस्त वार्डों में हर दिन प्रति व्यक्ति 10 लीटर शुद्ध पानी पीने और खाना बनाने के लिए पहुंचाने का निर्देश पीएचइडी को दिया है.

By Pritish Sahay | March 8, 2020 4:36 AM

पटना : नेशनल ग्रीन ट्रियूबनल (एनजीटी) ने राज्य भर के सभी आर्सेनिक ग्रस्त वार्डों में हर दिन प्रति व्यक्ति 10 लीटर शुद्ध पानी पीने और खाना बनाने के लिए पहुंचाने का निर्देश पीएचइडी को दिया है. एक आदमी को हर दिन पीने के लिए औसत तीन से चार लीटर पानी की जरूरत होती है.इस निर्देश के बाद मुख्यालय ने सभी कार्यपालक अभियंता को पत्र भेजा है, जिसमें साफ किया गया है कि निर्देश का पालन नहीं करने वाले पदाधिकारी खुद जिम्मेदार होंगे एवं उनके ऊपर कार्रवाई की जायेगी.

चापाकल को करना है चिह्नित : आर्सेनिक ग्रस्त क्षेत्रों में वैसे चापाकल को चिह्नित करना है, जिसमें आर्सेनिक की मात्रा नहीं हो अगर चापाकलों की संख्या कम हो, तो वहां टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाने का काम कर लोगों को हर दिन प्रति व्यक्ति 10 लीटर पानी देना है.

पीएचइडी 56,079 वार्डों में कर रहा है नल का जल पहुंचाने का काम : बिहार में कुल 8386 ग्राम पंचायतें व एक लाख 14 हजार 691 वार्ड है, जिनमें से पीएचइडी द्वारा 56,079 वार्डों में हर घर नल का जल पहुंचाया जायेगा और बाकी 58,612 वार्डों में हर घर नल का जल का काम पंचायती राज विभाग के द्वारा कराया जायेगा. पीएचइडी के लिए निर्धारित 56,079 वार्डों में से 30,497 वार्ड गुणवत्ता प्रभावित हैं.

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