मध्याह्न भोजन तैयार करने में फिर एकबार भारी लापरवाही सामने आई है. सीतामढ़ी और वैशाली में मिड डे मील में छिपकली पाया गया. सीतामढ़ी के प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित हाई स्कूल, विष्णुपुर में शनिवार को मध्याह्न भोजन खाने से 100 से अधिक बच्चे बीमार पड़ गये. वहीं वैशाली जिले के राजापाकर प्रखंड के बुनियादी विद्यालय जाफरपट्टी के मिड डे मील में छिपकली मिलने की सूचना से अफरातफरी मच गयी.
सीतामढ़ी के बथनाहा प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित हाई स्कूल, विष्णुपुर में शनिवार को मध्याह्न भोजन में छिपकली गिरने व एमडीएम खाने से विद्यालय के 100 से अधिक बच्चे बीमार हो गये. इस घटना के बाद गांव में अफरातफरी का माहौल बन गया. बीमार बच्चों को परिजनों द्वारा स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. घटना की सूचना पर अस्पताल से एंबुलेंस बुलाया गया और सभी बीमार बच्चों को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों की टीम द्वारा सभी बच्चों का इलाज किया गया.
अस्पताल में बच्चों का फौरन इलाज शुरू किया गया. हालांकि, सभी बीमार बच्चे अब खतरे से बाहर बताये गये हैं. गनीमत रही कि इस घटना में किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है, लेकिन एमडीएम संचालन में लापरवाही जरूर उजागर हुआ है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ एसपी झा ने बताया कि एमडीएम खाने से बीमार हुए सभी बच्चे अब खतरे से बाहर हैं. सभी की स्थिति ठीक है. इलाज के बाद किसी बच्चे में अब कोई दिक्कत नहीं है.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार का कहना है कि खाना में रसोईया की गलती से आलू का छिलका पड़ा था, जिसे गिरगिट समझ लिया गया और अफरातफरी फैल गयी. अभिभावक अपने बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है. वहीं बीडीओ अजित कुमार प्रसाद ने कहा कि घटना की जांच करायी जाएगी. जांच में जो भी बातें सामने आएंगी, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वैशाली जिला अंतर्गत राजापाकर प्रखंड के बुनियादी विद्यालय जाफरपट्टी के मिड डे मील में छिपकली मिलने की सूचना से अफरातफरी मच गयी. स्कूल की एचएम व विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने मौके पर पहुंच कर छिपकली को देखा. इसके बाद मिड डे मील की सप्लाइ करने वाली एजेंसी को भी मौके पर बुलाया गया. जिस केन में छिपकली मिली थी, उसमें पड़े भोजन को फेंक दिया गया.
इस संबंध में विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रेमलता सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार को मिड डे मील में चावल और छोला दिया गया था. पांच केन चावल और चार केन छोला दिया गया था. स्कूल के बच्चों के बीच पांच केन चावल और तीन केन छोला परोसा जा चुका था. जब चौथा केन खोला गया, तो रसोइया की नजर केन में पड़ी छिपकली पर पड़ी. इसकी सूचना उसने प्रधानाध्यापक को दी. केन में छिपकली मिलने की सूचना मिलते ही स्कूल में अफरातफरी मच गयी.
प्रधानाध्यापक और विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष ने मिड डे मील की सप्लाइ करने वाली एजेंसी एकता फाउंडेशन गाजीपुर के कर्मी को बुलाया. पूछताछ में उसने बताया कि कि मिड डे मील में उनके यहां से भोजन में छिपकली नहीं आयी थी. स्कूल में ही दीवार से छिपकली गिर गयी होगी.
वहीं, प्रधानाध्यापिका ने कर्मी के आरोप को बेबुनियाद बताया है. कहा कि विद्यालय के किचन शेड में रसोइया को बराबर ऊपर-नीचे सफाई रखने की सख्त हिदायत दी जाती है. किचन शेड हमेशा साफ रहता है. बच्चों के अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने डीएम, डीइओ व डीपीओ से इसकी जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है.