पकड़ा गया गौतम कुमार दुकानदार है और यह चोरी के वाहनों की खरीदारी करता है और फिर नेपाल में सक्रिय गैंग को बेच देता है. खास बात यह है कि पटना से गायब किये गये दस लाख के चारपहिया वाहन मात्र एक से डेढ़ लाख में गैंग की ओर से बेच दी जाती है. इस गैंग का तार इस कदर फैला हुआ है कि चोरी होने की सूचना ये लोग तुरंत ही खगड़िया व सहरसा में सक्रिय गैंग को दे देते हैं और इसके बाद गाड़ी को खगड़िया या सहरसा में रिसीवर की ओर लेकर तुरंत ही पैसे दे दिये जाते हैं और गाड़ी के फर्जी कागज बनवा कर तुरंत उसे नेपाल भेज देते हैं. नेपाल में गाड़ी आराम से दो लाख में बिक जाती है.
इसी बीच गाड़ी के खगड़िया में होने की जानकारी मिली और फिर पटना पुलिस ने खगड़िया पुलिस की मदद ली और वहां से मो शमशाद आलम और मो सोहराब आलम को पकड़ लिया और गाड़ी बरामद कर ली. इसके बाद उसकी निशानदेही पर पांच अन्य चारपहिया वाहन बरामद किये गये और रिसीवर व दुकानदार गौतम कुमार भगत को सहरसा से गिरफ्तार किया गया. इसके बाद पुलिस टीम को जानकारी मिली कि गिरोह के कई सदस्य फुलवारीशरीफ में हैं. इसके बाद कंकड़बाग व जक्कनपुर पुलिस ने फुलवारीशरीफ इलाके में देर रात तक छापेमारी की और गैंग के अन्य सदस्यों के साथ ही दो बाइक को बरामद कर लिया. एसएसपी सह सिटी एसपी मध्य ने बताया कि गैंग में अभी भी कई सदस्य है, जिन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. गैंग के कई सदस्यों के साथ ही रिसीवर को भी गिरफ्तार किया गया है.