एसिड पीड़िता चंचल की हुई मौत, छोटी बहन ने कहा, मैं हार नहीं मानूंगी, लड़ती रहूंगी

पटना : मनेर के छितनावां गांव में 21 अक्तूबर, 2012 में एसिड अटैक से घायल हुई पीड़िता चंचल की गुरुवार को मौत हो गयी. सुबह में उसने अपने पिता शैलेश पासवान को बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत की और फिर उसे पिता व चाचा नरेश पासवान इलाज के लिये आइजीआइएमएस लेकर आये, जहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2017 7:22 AM
पटना : मनेर के छितनावां गांव में 21 अक्तूबर, 2012 में एसिड अटैक से घायल हुई पीड़िता चंचल की गुरुवार को मौत हो गयी. सुबह में उसने अपने पिता शैलेश पासवान को बुखार व शरीर में दर्द की शिकायत की और फिर उसे पिता व चाचा नरेश पासवान इलाज के लिये आइजीआइएमएस लेकर आये, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन शव को लेकर छितनावां स्थित गांव गये, जहां पहुंचते ही कोहराम मच गया. पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गयी. इधर, पटना पुलिस की एक टीम इस बात की जांच करेगी कि मौत का क्या कारण है? अगर जांच में मौत का कारण एसिड अटैक होना ही पाया गया, तो फिर केस हत्या में तब्दील कर दिया जायेगा. डीआइजी सेंट्रल राजेश कुमार ने अपने मातहतों को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
दीदी तो मुझे छोड़ गयी, पर मैं हार नहीं मानूंगी, लड़ती रहूंगी इंसाफ की जंग
पटना/मनेर : तेजाब पीड़िता चंचल की इलाज के दौरान मौत के बाद छोटी बहन व तेजाब पीड़िता सोनम अपने को अकेला जरूर महसूस कर रही है. लेकिन उसने अभी हिम्मत नहीं हारी है. सोनम ने कहा कि हम दोनों बहनों के साथ आरोपितों ने जो किया है, उसे भगवान भी माफ नहीं करेंगे.
दीदी तो मुझे अकेली छोड़ कर चली गयी, लेकिन दीदी और अपना बदला कोर्ट के माध्यम से लूंगी. हार नहीं मानूंगी, इंसाफ की लड़ाई लड़ती रहूंगी. अदालत से सभी आरोपितों को सजा दिलाऊंगी. इतना कह कर वह फफक कर रो पड़ी. उसने बताया कि उन लोगों ने जेल से छूटने के कुछ दिनों पहले घर पर आकर केस उठाने की धमकी दी थी. उन लोगों ने गाली-गलौज कर घर पर रोड़ेबाजी भी की थी.
धमकाते थे आरोपित : दानापुर सिविल कोर्ट में केस चलने के बाद पटना सिविल कोर्ट में चलने लगा. लगभग सभी लोगों की गवाही हो गयी है. लेकिन दो साल से डाॅक्टर की गवाही टली हुई है. इसके बाद आरोपित जेल से छूटने के बाद डराते-धमकाते थे.
हमेशा करते थे तंग : पीड़िता के गांव के ही बादल यादव, राज कुमार, घनश्याम यादव व अनिल चार साल पहले कोचिंग जाने के दौरान हमेशा रास्ता रोक कर छेड़खानी व अश्लील हरकत करते थे. इसका चंचल ने विरोध किया था.
विरोध करने पर मनचलों ने चंचल को गंभीर अंजाम भुगतने की धमकी थी. इसके बाद 21 अक्तूबर, 2012 को चंचल अपनी छोटी बहन के साथ घर की छत पर सोयी हुई थी. इस दौरान चारों पीछे के रास्ते से छत पर चढ़ गये और सोयी दोनों बहनों पर तेजाब फेंक दिया था.
छत पर सो रही थी, तो हुआ था हमला
चंचल व उसकी बहन सोनम पर गांव के ही युवक अनिल राय, राज राय, बादल राय व धनश्याम राय ने एसिड से उस समय हमला कर दिया था, जब वह अपनी छत पर सो रही थी. इस हमले में उसका चेहरा व शरीर के अन्य अंग जल गये थे. पटना के आइजीआइएमएस, पीएमसीएच व दिल्ली के अस्पताल में इलाज होने के बाद जान बची थी, लेकिन चेहरा काफी खराब हो गया था. चंचल 28 फीसदी जल गयी थी. घटना के बाद मनेर थाने में केस संख्या 312/12 दर्ज किया गया था. घटना के 12 दिनाें के बाद चारों की गिरफ्तारी हुई थी.
इस मामले में चारों आरोपित अनिल, राज, बादल व घनश्याम जेल भी गये थे, लेकिन एक साल पूर्व वे सभी जमानत पर छूट गये थे
बिना पोस्टमार्टम के पीड़िता का दाह-संस्कार
पटना : एसिड पीड़िता चंचल का बिना पोस्टमार्टम कराये ही दाह-संस्कार छितनावां घाट पर कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार चंचल के चाचा नरेश पासवान ने इसकी पुष्टि की है. दाह-संस्कार के बाद सवाल उठ रहे हैं कि अब पुलिस इस बात की जांच कैसे करेगी कि उक्त एसिड पीड़िता की मौत का क्या कारण था?
अगर एसिड के प्रभाव के कारण उसकी मौत हुई, तो फिर हत्या के प्रयास के बजाय उक्त केस हत्या में परिणत हो जायेगा. अगर अन्य कारण होंगे, तो फिर उन्हीं आइपीसी की धाराओं में केस चलेगा. शव का पोस्टमार्टम होने पर पुलिस को इस बिंदु पर जांच करने में मदद मिल सकती थी, लेकिन बिना पोस्टमार्टम के ही दाह-संस्कार होने से केस के जांच की दिशा क्या होगी, बताना मुश्किल है.

Next Article

Exit mobile version