बुजुर्ग दंपती को लॉटरी व बीमा स्कीम में उलझा कर अब तक ठग लिये 95 लाख

पटना : पटना में फोन पर ठगी का खेल जारी है. यह गैंग इस तरह से लोगों को अपनी बातों में उलझा रहा है कि अच्छे-अच्छे लोग इस चाल को नहीं समझ पा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक बुजुर्ग दंपती से अब तक 95 लाख रुपये की ठगी हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2017 7:56 AM

पटना : पटना में फोन पर ठगी का खेल जारी है. यह गैंग इस तरह से लोगों को अपनी बातों में उलझा रहा है कि अच्छे-अच्छे लोग इस चाल को नहीं समझ पा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें एक बुजुर्ग दंपती से अब तक 95 लाख रुपये की ठगी हो चुकी है. सारा पैसा एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हुआ है. गैंग ने इस बार पटना विवि की प्रोफेसर और पॉलिटिकल साइंस की हेड ऑफ डिपार्टमेंट के पद से सेवानिवृत्त हो चुकी प्रभावती सिन्हा व सीपीआइ के नेता चंद्र प्रकाश नारायण सिन्हा से ठगी की है. चौंकानेवाली बात यह है कि अप्रैल, 2017 में ही कोतवाली थाने में केस दर्ज हुआ था. लेकिन, अब तक आइओ ने एक कदम जांच आगे नहीं बढ़ायी है. अब एसएसपी से शिकायत के बाद मामले में तेजी आयी है. शनिवार को इस मामले की जांच को लेकर एक विशेष टीम का गठन किया गया.

2015 में आया था पहला फोन : बुजुर्ग दंपती मूल रूप से बेगूसराय के रहनेवाले हैं. पटना में कोतवाली क्षेत्र के उदय गिरी अपार्टमेंट में रहते हैं. इनके पास पहला फोन लैंडलाइन पर आया था. इस दौरान फोन चंद्र प्रकाश नारायण सिन्हा ने उठाया था. फोन करनेवाले ने अपने आप को एक प्रतिष्ठित बीमा कंपनी का अधिकारी बताया और उनसे कहा कि उनकी पत्नी प्रभावती सिन्हा को वरिष्ठ नागरिक स्कीम के तहत पुरस्कार मिलनेवाला है. पुरस्कार प्राप्त करने के लिये बैंक एकाउंट में 3.20 लाख रुपये ट्रांसफर करने होंगे. जब, उन्होंने ने पैसे ट्रांसफर कर दिये, तो बताया कि उनका पैसा एक पेंशनर्स स्कीम के तहत बीमा कंपनी में लग गया है. कुछ दिनों में दो गुना हो जायेगा. फिर हर महीने किस्त के बहाने पैसा मंगाया जाता रहा है.

करीब 80 साल की बुजुर्ग रिटायर्ड प्रोफेसर जब तक कुछ समझ पाती और अपने परिवारवालों से इसकी चर्चा करतीं, तब तक बड़ी रकम जालसाजों ने बैंक खाते में मंगा लिये.

30 जून को खाते से ट्रांसफर हुए 1.80 लाख

कभी कॉल करके तो भी एसएमएस के जरिये यह गैंग बुजुर्ग दंपती को अपने जाल में फंसाये रखा. पहले स्कीम के नाम पर पैसा लिया गया और फिर पैसा वापस करने के नाम पर. डूबे पैसों को हासिल करने के लालच में दंपती ने जून माह में 1.80 लाख रुपये भेजे. वहीं, कुल 95 लाख रुपये कई किस्तों में अब तक मंगाये जा चुके हैं.

मजिस्ट्रेट नतिनी हर्षिता को पता चला तो प्राथमिकी

बुर्जुग दंपती ने इसकी जानकारी अपनी नतिनी हर्षिता को दी. दिल्ली में मजिस्ट्रेट के पद पर तैनात हर्षिता ने पटना आकर मामले को समझा, तो पता चला कि ठगी हो रही है. इसके बाद वह अपने नाना को लेकर कोतवाली पहुंची और 9 अप्रैल, 2017 को केस दर्ज कराया. लेकिन, केस दर्ज होने के बाद भी दंपती से पैसा एेंठता जाता रहा. शनिवार को हर्षिता एसएसपी मनु महाराज से मिलीं और उनको गैंग की ओर से भेजे जानेवाले एसएमएस व फोन के बारे में बताया. दिल्ली सीबीआइ में तैनात अपने रिश्तेदार से एसएसपी के पास फोन कराया. इसके बाद एसएसपी ने एक विशेष जांच टीम का गठन किया. वहीं, पूर्व में एफआइआर दर्ज होने के तीन महीने बाद भी इस मामले में कोई अनुसंधान नहीं हो सका है. केस के आइओ सत्येंद्र कुमार है. लेकिन, कोई जांच-पड़ताल नहीं की है. अब मामले में तेजी आयी है.

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