102 करोड़ से साफ होगी पटना की हवा, हटेगा शहर से कचरा, जानिये क्या है गाइडलाइन
पटना नगर निगम 15वें वित्त आयोग से मिली 102 करोड़ रुपये की राशि से वायु प्रदूषण के नियंत्रण व कचरा प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए काम करेगा.
पटना. पटना नगर निगम 15वें वित्त आयोग से मिली 102 करोड़ रुपये की राशि से वायु प्रदूषण के नियंत्रण व कचरा प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए काम करेगा. राशि खर्च करने के मामले में नगर विकास व आवास विभाग ने गाइडलाइन भी जारी की है.
जानकारों के अनुसार 10 लाख से ऊपर की आबादी पटना में होने के कारण 15वें वित्त आयोग से 408 करोड़ की राशि मिलनी है. इसमें आयोग ने 102 करोड़ राशि जारी की है. राशि खर्च करने को लेकर नगर विकास व आवास विभाग ने वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उपायों के लिए 50 प्रतिशत राशि खर्च करने का निर्देश दिया है. इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी सहयोग लेना है.
शहरी पेयजल को 30% राशि
शेष राशि में 30 प्रतिशत राशि मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना व शेष 70 प्रतिशत राशि जल प्रबंधन व कचरा प्रबंधन में सुधार लाने पर खर्च करना है. इसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन का विस्तार करने, कचरा कलेक्शन के लिए उपकरण की खरीदारी, कंपोस्ट बनाने सहित के काम पर ध्यान देना है.
नियंत्रण को लेकर हो रही खरीदारी
शहर में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए निगम स्तर से तैयारी करने के लिए उपकरण की खरीदारी शुरू हो गयी है.
निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सड़कों पर जमा धूलकण हवा में नहीं मिले, इसके लिए पानी छींटने के लिए 10 वाटर स्प्रिंकलर की खरीदारी होनी है. इसमें दो वाटर स्प्रिंकलर निगम को मिले हैं. इसके अलावा सड़कों पर जमा धूलकण को साफ करने के लिए 10 अतिरिक्त स्वीपिंग मशीनों की खरीदारी होगी. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गयी है. निगम के पास पहले से 10 स्वीपिंग मशीन है, जिसका इस्तेमाल सड़कों पर हो रहा है.
कचरे से खाद बनाने को लगेगी कंपोस्टर मशीन
शहर में विभिन्न इलाके में बड़े-बड़े बाजारों में गीले कचरे से खाद बनाने को लेकर कंपोस्टर मशीन लगनी है. अभी 24 जगहों को चिह्नित किया गया है. इसके लिए 13 कंपोस्टर मशीनें आ चुकी हैं.
शेष जगहों पर कंपोस्टर लगाने के लिए खरीदारी की प्रक्रिया चल रही है. इसके साथ ही गलियों से कचरा कलेक्शन करने के लिए 150 इ-रिक्शा व 60 टीपर खरीदे जायेंगे. निगम के कई इलाकों में अब भी कचरा कलेक्शन नियमित नहीं हो रहा है. उन इलाके में सुविधा मुहैया कराने के लिए वाहन भी खरीदे जायेंगे.
Posted by Ashish Jha