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वकील हत्याकांड :हत्यारों को पकड़ने के लिए पटना व समस्तीपुर में छापे

हाजीपुर : अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा के हत्यारों को पकड़ने के लिए एसआइटी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. टीम ने शनिवार की रात पटना एवं समस्तीपुर जिले में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की. हालांकि, पुलिस को वकील की हत्या में संलिप्त मुख्य आरोपित का सुराग अब तक नहीं मिला है. घटना की प्राथमिकी दर्ज होने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2017 7:34 AM
हाजीपुर : अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा के हत्यारों को पकड़ने के लिए एसआइटी ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. टीम ने शनिवार की रात पटना एवं समस्तीपुर जिले में विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की. हालांकि, पुलिस को वकील की हत्या में संलिप्त मुख्य आरोपित का सुराग अब तक नहीं मिला है. घटना की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था. रविवार को तीनों को जेल भेज दिया गया है. इधर, रविवार को छह थानों की पुलिस की संयुक्त टीम ने बेलसर ओपी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर भी छापेमारी की.
पुलिस को सूचना मिली थी कि वकील की हत्या मामले का एक आरोपित बेलसर ओपी क्षेत्र में छिपा है. शनिवार की सुबह नगर के चर्चित वकील राजीव कुमार शर्मा व उनके साथियों पर जानलेवा हमला हुआ था. पीएमसीएच ले जाने के दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गयी थी. देर रात मृतक के भाई राहुल के बयान पर 11 नामजद व आठ अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी.हत्या की प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
प्राथमिकी में 11 लोगों को नामजद एवं आठ अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. पुलिस घटना में शामिल अपराधियों को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है. एसपी राकेश कुमार ने बताया कि वकील की हत्या मामले को काफी गंभीरता से लिया जा रहा है. सदर एसडीपीओ अजय कुमार के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. टीम संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. उधर, अधिवक्ता संघ और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने वकील की हत्या की निंदा की है. घटना को लेकर वकीलों में आक्रोश देखा जा रहा है. सराय के बेलकुंडा घर्मपुर गांव स्थित राजीव के घर पर सांत्वना देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ था.
हत्यारोपितों का केस नहीं लड़ने का फैसला
हाजीपुर. बिहार युवा अधिवक्ता कल्याण समिति के प्रदेश अध्यक्ष ने जिले के सभी वकीलों से अनुरोध किया है कि वे राजीव कुमार शर्मा की हत्या में शामिल अपराधियों की पैरवी नहीं करेंगे.
इसे लेकर रविवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में समिति की बैठक प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार यादव की अध्यक्षता में हुई. संचालन अधिवक्ता संघर्ष मोरचा के संयोजक अमरजीत कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि दूसरी अदालतों से आकर भी अपराधियों की वकालत करने वाले अधिवक्ताओं का यहां विरोध किया जायेगा.
पुलिस-अपराधी गठजोड़ का परिणाम है हत्या
सराय थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव में मृतक राजीव कुमार शर्मा के परिजनों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे रालोसपा (अरुण गुट) के प्रदेश अध्यक्ष ललन पासवान ने कहा कि जिले की यह घटना पुलिस-अपराधियों के गठजोड़ की ओर इशारा करती है. उन्होंने कहा कि घटना की सूचना के बावजूद गाड़ी नहीं होने का बहाना बनाकर जान-बूझ कर घटना के डेढ़ घंटे बाद पुलिस का घटनास्थल पर पहुंचना यह साबित करता है कि अपराधियों से उनकी तालमेल है.
बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है . प्रदेश की सरकार एसपी को अपने चहेते जिले में और जिले के एसपी थानों में अपने चहेते थानेदारों को प्रतिनियुक्त करने में लगे हैं. हत्या की इस घटना में अपराधियों के साथ साथ थानेदार और एसपी पर प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. अपराधियों के डर से पुलिस हिलने को तैयार नहीं है. इसका ज्वलंत उदाहरण अधिवक्ता राजीव की नृशंस हत्या हैं .उन्होंने कहा कि थाने से महज कुछ ही दूरी पर दिनदहाड़े अपराधी पीट- पीट कर हत्या कर रहे हैं और पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय गाड़ी नहीं होने का बहाना बनाती फिर रही है. राज्य की पुलिस अपराधियों को पकड़ने के बजाय अच्छे लोगों को पकड़ कर उन्हें जेल भेज कर अपनी पीठ थपथपा रही है. उन्होंने कहा कि वे सरकार से मृतक के परिजनों को पच्चीस लाख रुपये मुआवजा देने एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराने की मांग करेंगे. मामले में स्पीडी ट्रायल चलाकर अभियुक्तों को फांसी की सजा देनी चाहिए.

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