वीडियो दिखा बम बनाना सिखाता है हैदर

पटना: ‘सिमी’ (स्टूडेंट्स इसलामिक मूवमेंट इन इंडिया) का बिहार व झारखंड में प्रमुख संचालक रहा हैदर अली आतंक के सिमी मॉडय़ूल को पाकिस्तान में तैयार वीडियो फिल्मों की जरीये आइइडी तैयार करने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है. पटना और बोधगया ब्लास्ट में सिमी ने इन्हीं वीडियो फिल्म के जरिये तैयार विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2014 7:42 AM

पटना: ‘सिमी’ (स्टूडेंट्स इसलामिक मूवमेंट इन इंडिया) का बिहार व झारखंड में प्रमुख संचालक रहा हैदर अली आतंक के सिमी मॉडय़ूल को पाकिस्तान में तैयार वीडियो फिल्मों की जरीये आइइडी तैयार करने की ट्रेनिंग उपलब्ध कराता है. पटना और बोधगया ब्लास्ट में सिमी ने इन्हीं वीडियो फिल्म के जरिये तैयार विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था. हालांकि, बिहार-झारखंड में इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के लगभग सभी बडे आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अब एनआइए और खुफिया एजेंसियों के समक्ष हैदर की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती रह गयी है.

बताया जाता है कि एनआइए ने केंद्रीय गृह मंत्रलय के समक्ष हैदर के सिर पर रखे गये पांच लाख रुपये के इनाम को बढ़ाने की भी सिफारिश की है. पिछले दिनों आइएम के प्रमुख आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू ने पूछताछ के दौरान पटना और बोधगया ब्लास्ट में आइएम के शामिल होने से इनकार कर दिया है. तहसीन ने एनआइए और दिल्ली क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कहा है कि पटना और बोधगया ब्लास्ट की साजिश आइएम ने नहीं बल्कि सिमी ने रची थी.

हैदर अली ही बिहार और झारखंड में सिमी की सभी गतिविधियों का संचालन करता रहा है. हैदर रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र के लाइन तथा बिहार के औरंगाबाद में नवाडीह मोहल्ले का निवासी है. तहसीन ने अपने इस खुलासे के पीछे कुछ तर्क भी दिये हैं जिसे एनआइए और क्राइम ब्रांच की टीम खंगालने में जुट चुकी है. तहसीन का कहना है कि सिमी ने जिस कम शक्तिशाली विस्फोटकों का इस्तेमाल पटना और बोधगया में किया है उतने कम शक्तिशाली विस्फोटक आइएम ने अपने किसी ब्लास्ट में इस्तेमाल नहीं किये हैं.

दरअसल, विस्फोटकों को अधिक मारक बनाने की तकनीक अभी सिमी के पास नहीं है. सिमी पाकिस्तान से भेजे जाने वाले आतंकी वीडियो फिल्मों के जरिये विस्फोटकों को मारक बनाने का काम कर रहा है. तहसीन ने अपने तर्क में कहा कि पटना और बोधगया में आतंकियों ने जो विस्फोटकों का इस्तेमाल किया था वे काफी कम मारक क्षमता के थे. खुफिया एजेंसियां बिहार और झारखंड में हैदर अली के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है. सूत्र बताते हैं कि औरंगाबाद में रहने के दौरान हैदर पर नक्सलियों को विस्फोटक उपलब्ध कराने के आरोप भी लगे थे लेकिन वह किसी तरह जमानत पर जेल से छूट गया था. वह हथियारों की तस्करी में भी शामिल रहा है.

इंज्यूरी रिपोर्ट देनेवाले डॉक्टरों से मिलने पहुंची आइबी की टीम

पटना. आइबी की टीम भाजपा रैली के दौरान गांधी मैदान में हुए बम ब्लास्ट में घायल हुए लोगों की इंज्यूरी रिपोर्ट लेने पीएमसीएच पहुंची . जानकारी के मुताबिक उस वक्त ड्यूटी पर तैनात जिन दो चिकित्सकों ने इंज्यूरी रिपोर्ट बनायी थी उनसे बात करने के लिए टीम कॉलेज के प्राचार्य कक्ष पहुंची, लेकिन दो चिकित्सक घर चले गये थे. सूत्रों की मानें तो प्राचार्य से दोनों चिकित्सकों का मोबाइल नंबर मांगा और उसके बाद लगभग आधे घंटे तक प्राचार्य से बात की. इस बाबत प्राचार्य डॉ अमर कांत झा अमर ने बताया कि ब्लास्ट में दो चिकित्सक थे जिन्होंने इंज्युरी रिपोर्ट तैयार की थी. उनसे कुछ बात करना चाहते थे. हमने उनका नंबर उन्हें दे दिया है.

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