ऐसी व्यवस्था में कैसे न फरार हो कैदी, अब अलीगढ़ की बनी हथकड़ियों से जकड़ी जायेगी अपराधियों की कलाई
रियलिटी चेक. कैदी के भागने के दूसरे दिन भी कोर्ट की सुरक्षा में दिखीं कई खामियां नितिश पटना : कुख्यात अपराधी चंदन शर्मा सोमवार को पटना सिविल कोर्ट परिसर से फरार हो गया. चाक-चौबंद सुरक्षावाले क्षेत्र माने जानेवाले कोर्ट में कैदियों के इस तरह फरार होने के पीछे कारणों का पता लगाने के लिये मंगलवार […]
रियलिटी चेक. कैदी के भागने के दूसरे दिन भी कोर्ट की सुरक्षा में दिखीं कई खामियां
नितिश
पटना : कुख्यात अपराधी चंदन शर्मा सोमवार को पटना सिविल कोर्ट परिसर से फरार हो गया. चाक-चौबंद सुरक्षावाले क्षेत्र माने जानेवाले कोर्ट में कैदियों के इस तरह फरार होने के पीछे कारणों का पता लगाने के लिये मंगलवार को प्रभात खबर टीम ने कोर्ट परिसर के सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल की.
टीम ने पाया कि पूरे सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था लचर है. दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद लापरवाही बरती जा रही है. कैदियों को कोर्ट हाजत से न्यायालय तक पहुंचाने व लाने के साथ ही गेट पर आगंतुकों की जांच में चूक हो रही है. न तो बॉडी मेटल डिटेक्टर और न ही हैंड मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल हो रहा है. सिविल कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर एक रिपोर्ट…
सामान खरीदने व मुलाकात पर रोक-टोक नहीं
पेशी के लिए आये कैदी कोर्ट परिसर में ही खरीददारी में जुटे हैं. उनके परिजनों या दोस्तों से मिलने या दुकान में सामान खरीदने पर किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं की जा रही. बस कोर्ट हाजत में अंदर बंद करने से पहले औपचारिक चेकिंग की गयी.
एक कांस्टेबल को भेजना कहां तक उचित
कोर्ट परिसर में पुलिसकर्मियों की कमी नहीं है, बावजूद मात्र एक कांस्टेबल चार कैदियों को हथकड़ी लगा कर एक साथ ले जा रहा है. सवाल यह है कि चार हट्टे-कट्टे कैदियों को न्यायालय में पेश करने के लिए मात्र एक कांस्टेबल को भेजना कहां तक उचित है? वह भी तब जब एक दिन पहले ही एक कैदी हथकड़ी लेकर भाग गया हो. पुलिसकर्मी गेट के पास बने चबूतरे पर बैठ कर आराम से चाय के मजे ले रहे थे.
अलीगढ़ की बनी हथकड़ियों से जकड़ी जायेगी अपराधियों की कलाई
विजय सिंह
पटना : सूबे में अब 250 रुपये की मामूली कीमत वाली आयरन की नहीं, बल्कि स्टेनलेस स्टील की बनी हथकड़ियों का इस्तेमाल होगा. नयी तकनीक से बनी यह हथकड़ी पुख्ता और टिकाऊ है. एनआइजे स्टैंर्ड की इस हथकड़ी की कीमत प्रति पीस 600-700 रुपये है. यूपी के अलीगढ़ की कंपनियों ने इसके लिए टेंडर डाला है. टेंडर 12 सितंबर, 2017 को खुलेगा. इसके बाद पहले चरण में पांच हजार हथकड़ियों की खरीद दिसंबर तक कर ली जायेंगी. इस हथकड़ी का परीक्षण भी हो चुका है.
इसके लिए एक आइजी स्तर की टीम बनी थी. इसमें हथकड़ी बनाने वाली कई कंपनियों को बुलाया गया था. जिसमें से तीन कंपनी के प्रतिनिधि अलीगढ़ से आये थे, जबकि एक प्रतिनिधि इंगलैंड से आये थे. इंगलैंड मेड हथकड़ी की कीमत 3000-5000 थी. फिलहाल टीम ने स्टेनलेस हथकड़ी को फाइनल किया है, जो अलीगढ़ में बनती है. खास बात यह है कि स्टेनलेस स्टील की बनी हथकड़ी के इस्तेमाल में झारखंड बिहार से आगे है. झारखंड समेत कई राज्यों में इसका इस्तेमाल पहले से हो रहा है.
समझें, क्या है एनआइजे स्टैंडर्ड : पुलिस मुख्यालय इस बार जिस हथकड़ी की खरीद करने जा रहा है वह एनआइजे (नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ जस्टिस) स्टैंर्ड की है. यहां बता दें कि एनआइजे उन उपकरणों के मानकों का परीक्षण करता है, जो कानून और अापराधिक न्याय एजेंसिंयों द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं.
दो साल से घिसे-पिटे हथकड़ियों का हो रहा है इस्तेमाल : बिहार में पिछले दो साल से नयी हथकड़ी की खरीद नहीं हुई है. जबकि डिमांड के हिसाब से हर साल इसका टेंडर करा कर हथकड़ी की खरीद करने का प्रावधान है.
इसके लिए जिला स्तर के पुलिस अधिकारी कार्यालय से डिमांड पुलिस मुख्यालय को भेजा जाता है. लेकिन, नयी हथकड़ी नहीं आने से बहुत से हाजत में पुरानी और घिसी-पिटी हथकड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है.
जुगाड़ तंत्र से चलता है काम, कमर और हाथ में बांध देते हैं मोटा रस्सा : हथकड़ियों के खराब होने के कारण जुगाड़ तंत्र से काम चलाया जा रहा है. अदालत में पेशी के दौरान लाते वक्त कैदियों के हाथ में मोटा रस्सा बांधा जाता है. हार्डकोर क्रिमिनल की कमर में भी रस्सा लगा देते हैं जिनसे वह भाग नहीं सकें. यहां सबकुछ जुगाड़ से चल रहा है.
5000 हथकड़ियां खरीदने का प्रस्ताव
अब तक हाजत में आयरन वाली हथकड़ी का इस्तेमाल हो रहा है. लेकिन, दिसंबर से स्टेनलेस स्टील की हथकड़ी का इस्तेमाल हो सकेगा. इसके लिए टेंडर निकाला गया है. सितंबर में टेंडर खुलेगा. पहले चरण में पांच हजार हथकड़ी खरीदने का प्रस्ताव है. इसके बाद और खरीद होगी.
पंकज कुमार दाराद, आइजी प्रोविजन, बिहार