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प्रदेश बना इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी का पैसेज

अन्य शहरों के अहम लिंक का हुआ खुलासा पटना : बिहार के सुपौल टॉल प्लाजा के पास से 31 अगस्त की देर रात को तीन तस्करों को आंध्रप्रदेश नंबर वाले एक ट्रक के साथ पकड़ा था. इस पर करीब 22 करोड़ की हेरोइन थी. गिरफ्तार तस्कर मो अली अहमद, सुनील कुमार और रामकिशोर यूपी के […]

अन्य शहरों के अहम लिंक का हुआ खुलासा
पटना : बिहार के सुपौल टॉल प्लाजा के पास से 31 अगस्त की देर रात को तीन तस्करों को आंध्रप्रदेश नंबर वाले एक ट्रक के साथ पकड़ा था. इस पर करीब 22 करोड़ की हेरोइन थी. गिरफ्तार तस्कर मो अली अहमद, सुनील कुमार और रामकिशोर यूपी के बाराबंकी के रहने वाले हैं.
इनकी निशानदेही पर इनके मास्टरमाइंड मो नफीस को लखनऊ के इंदिरा नगर मोहल्ला स्थित उसके फ्लैट से रविवार की अहले सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है. नफीस भी बाराबंकी का रहने वाला है, लेकिन वह लखनऊ में रहकर रीयल स्टेट के व्यवसायी की आड़ में अपने ड्रग्स नेटवर्क को संचालित करता है. पूछताछ में नफीस ने कई सनसनीखेज जानकारी दी है, जिससे यह साबित हो गया कि बिहार इंटरनेशनल ड्रग्स तस्करी का मुख्य पैसेज (रास्ता) के रूप में उपयोग हो रहा है. इसका उपयोग दूसरे देशों से आने वाली हेरोइन, कोकीन समेत अन्य महंगे ड्रग्स को खासतौर से देशभर में सप्लाइ करने के लिए किया जा रहा है.
इस तरह होती है तस्करी : नफीस ने बताया कि वह मणीपुर से ड्रग्स की खेप लेकर आता है. इसे भूसे, फल, खाद्यान्न से लदे ट्रक में गोपनीय तरीके से लाया जाता है. ट्रक इनके अपने नेटवर्क में शामिल लोगों के ही होते हैं.
ड्रग्स की खेप पानी के जहाज से थाईलैंड से म्यांमार फिर यहां से सड़क मार्ग से उत्तर-पूर्वी राज्य खासकर मणीपुर पहुंचता है. फिर सड़क से बिहार होते हुए अन्य राज्यों में पहुंचता है. नेटवर्क में हर प्वाइंट पर इनके लोग अपने-अपने तरीके से काम को अंजाम देते हैं. मणीपुर में इस नेटवर्क का मुख्य माफिया मो हाफिज है. हाफिज से सीधे तौर पर नफीस जुड़ा है. ड्रग्स को लाने के लिए मो अली अहमद समेत अन्य ट्रक ड्रायवरों या ट्रेंड तस्करों को रखा जाता है.
पूछताछ में नफीस ने यह भी खुलासा किया है कि इस ड्रग्स सप्लाइ नेटवर्क के लिंक चंडीगढ़, लखनऊ, दिल्ली, मुंबई के अलावा पटना समेत अन्य शहरों से भी जुड़े हुए हैं.
इन सभी स्थानों पर उसके जैसे सप्लायर हैं, जो ड्रग्स की खेप को प्राप्त करके सभी स्थानों पर सप्लाइ करवाते हैं. डीआरआई को सभी शहरों में मौजूद इसके सभी अहम लिंक के बारे में जानकारी मिली है. इसके आधार पर इन सभी स्थानों में व्यापक स्तर पर छापेमारी शुरू हो गयी है. पूरे नेटवर्क को दबोचने के लिए व्यापक रणनीति तैयार करके कार्रवाई शुरू हो गयी है.
हवाला से ट्रांसफर होता है पूरा पैसा
यह भी जानकारी मिली है कि इस अवैध कारोबार में पूरा पैसा किसी बैंक या इस जैसे अन्य तरीकों से ट्रांसफर नहीं होता है. इनका पूरा कारोबार हवाला पर निर्भर है और हवाला के जरिये ही ये पैसे का लेन-देन करते हैं. कैश पेमेंट का कोई चक्कर ही नहीं होता है. इस सिंडिकेट में पूरे पैसे का लेन-देन हवाला से होता है. इसके हर संबंधित स्थान या शहर में हवाला कारोबार तय है, जिनके जरिये ये पूरे कारोबार को अंजाम देते हैं. इनका धंधा इसी तरीके से चलता है. डीआरआइ हवाला के इस पूरे रैकेट का भी पता लगा रही है.

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