एक को छोड़ कोई नहीं रहा तीन साल

पटना: पटना को ऐसा कोई भी ट्रैफिक एसपी नहीं मिला जो कम से कम तीन साल तक इस पद पर रहा हो. इस शहर की यातायात व्यवस्था प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. भीषण जाम की समस्या से लोगों को हर दिन जूझना पड़ रहा है. इन सबके बावजूद सरकार ट्रैफिक व्यवस्था को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 10, 2014 8:12 AM

पटना: पटना को ऐसा कोई भी ट्रैफिक एसपी नहीं मिला जो कम से कम तीन साल तक इस पद पर रहा हो. इस शहर की यातायात व्यवस्था प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है.

भीषण जाम की समस्या से लोगों को हर दिन जूझना पड़ रहा है. इन सबके बावजूद सरकार ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है. काफी दिनों के बाद पटना के ट्रैफिक एसपी के रूप में आइपीएस अधिकारी राजीव मिश्र को तैनात किया गया था. लेकिन, चुनाव आयोग ने उन्हें भी इस पद से हटा दिया और दरभंगा का एसपी बना दिया.

अब नये ट्रैफिक एसपी के रूप में सत्यवीर सिंह को तैनात किया गया है. राजीव मिश्र ने 25 जनवरी 2014 को इस पद पर योगदान दिया था और लगातार ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए अभियान चला रहे थे. उनके द्वारा चलाये जा रहे अभियान के बाद धीरे-धीरे शहर की यातायात व्यवस्था पटरी पर आ रही थी. श्री मिश्र ने इसके लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और यहां तक कि भ्रष्टाचार में लिप्त यातायात पुलिस के पदाधिकारियों व जवानों को भी निलंबित करने से भी नहीं चूके. यातायात पुलिस के अंदर भी भय व्याप्त हुआ और वे ट्रैफिक को दुरुस्त करने में जुट गये. यह अभियान अभी और जोर पकड़ता कि इससे पहले ही उन्हें यहां से हटा दिया गया. नये एसपी सत्यवीर सिंह को यहां की स्थिति को समझने में समय लगेगा.

छह माह में चलता कर दिये गये थे शिवदीप
अगर कार्यकाल पर गौर करें तो केवल ट्रैफिक एसपी के पद पर अशोक कुमार सिंह ही लगभग तीन सालों तक रहे. इसके बाद ऐसा कोई भी पुलिस पदाधिकारी ट्रैफिक एसपी के पद पर दो सालों से अधिक नहीं रहा है. कई तो छह माह के अंदर ही दूसरे पद पर चले गये और सिटी एसपी को ट्रैफिक एसपी के पद का अतिरिक्त प्रभार दे कर किसी तरह काम चलाया गया. ट्रैफिक एसपी के पद पर वर्ष 2011 में शिवदीप लांडे को लाया गया. उन्होंने ट्रैफिक लाइट सिस्टम व यातायात व्यवस्था को सुधारने का प्रयास शुरू किया. उन्होंने उस कंपनी के खिलाफ भी कोतवाली थाने में एफआइआर करा दी जिसने ट्रैफिक लाइट सिस्टम शहर में लगाया था. यह सिस्टम कुछ दिन चला था और खत्म हो गया था. ये मात्र छह महीने तक ही इस पद पर बने रहे. वर्ष 2013 तक शहर में ट्रैफिक समस्या विकराल रूप ले चुकी थी. लेकिन तत्कालीन सिटी एसपी जयंत कांत को ट्रैफिक एसपी का अतिरिक्त प्रभार दे कर काम चलाया गया. ट्रैफिक व्यवस्था की लचर स्थिति को देखते हुए 25 जनवरी को आइपीएस अधिकारी राजीव मिश्र को शहर को नया ट्रैफिक एसपी की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी. लेकिन, इन्हें भी हटा दिया गया.

ट्रैफिक एसपी के पद पर राजीव मिश्र रहे मात्र दो माह 14 दिन

1. यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस को रद्द करने की अनुशंसा

2. कारगिल चौक से लेकर स्टेशन गोलंबर तक टेंपो चालकों के लिए रस्सी से घेराबंदी कर पार्किग की व्यवस्था

3. टेंपो में पुलिस कोड, दाहिने ओर रॉड नहीं लगाने वाले के खिलाफ अभियान

4. टेंपो व अन्य गाड़ियों में लगे बंफर को हटाने के खिलाफ चलाया अभियान

5. भ्रष्टाचार में लिप्त यातायात पुलिस के एक दर्जन पदाधिकारियों व जवानों को निलंबित करने की कार्रवाई

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