सृजन घोटाला : नवगछिया के सरकारी खाते से करोड़ों का हेरफेर

एक और फर्जीवाड़ा आया सामने नवगछिया (भागलपुर). डीएम जिलाधिकारी के निर्देश पर नवगछिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार रंजन ने भागलपुर के तिलकामांझी थाने में इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, पद धारकों व अज्ञात संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है. नवगछिया प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम इंडियन बैंक के खाते में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2017 8:55 AM
एक और फर्जीवाड़ा आया सामने
नवगछिया (भागलपुर). डीएम जिलाधिकारी के निर्देश पर नवगछिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार रंजन ने भागलपुर के तिलकामांझी थाने में इंडियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक, पद धारकों व अज्ञात संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है.
नवगछिया प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम इंडियन बैंक के खाते में गोरखधंधा 29-06-2007 से 18-06-2011 तक के समय में करीब चार साल तक चला. इंडियन बैंक में 29 जुलाई 2007 को खाता नंबर 736378714 प्रखंड विकास पदाधिकारी नवगछिया के नाम से खोला गया और इस खाते को 18 जुलाई,2011 को बंद कराया गया था.
नवगछिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार रंजन ने कहा है कि प्रखंड कार्यालय नवगछिया द्वारा जमा की गयी राशि की खाते में जमा नहीं होने के पश्चात समय समय पर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा उक्त खाते से काटे गये चेक का भुगतान होता रहा. जिस तिथि में चेक काटा गया प्राय: उसी तिथि में खाते में राशि जमा कर निकासी कराया जाता रहा. बीडीओ का कहना है कि यह सरकारी राशि की हेराफेरी और जालसाजी का मामला है.
सृजन घोटाले में जांच की आंच भागलपुर के वर्तमान सिविल सर्जन समेत चार पूर्व सिविल सर्जन तक पहुंच गयी है. सात साल के अंदर वर्तमान समेत चार सिविल सर्जनों ने अलग-अलग बैंकों में चार खाते खुलवाये. इनकी भूमिका की जांच कराने का निर्णय स्वास्थ्य विभाग ने लिया है.
जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सच्चिदानंद चौधरी ने वर्तमान सिविल सर्जन डाॅ विजय कुमार, पूर्व सिविल सर्जन डाॅ उदय शंकर चौधरी, डॉ आरसी मंडल और डॉ प्रतिमा मोदी को नोटिस भेज कर उन्हें जांच का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा है. नोटिस में इन्हें कदाचार, अवज्ञा व आदेश का उल्लंघन करने का दोषी बताया गया है. इन चारों पर आरोप लगाया गया है कि इन चारों अधिकारियों ने कोषागार में रुपये जमा करने के बजाय बैंक में जमा किया जिससे इनकी भूमिका संदिग्ध हो जाती है.

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