छपरा के 1076 गरीब परिवारों काे मिलेगा अपना घर, सर्वे का काम पूरा

Chhapra: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के तहत छपरा निगम क्षेत्र के 45 वार्डों से 1400 के आसपास आवेदन आये हैं. इनमें से 1076 का लगभग चयन भी हो चुका है.

By Prashant Tiwari | November 16, 2024 7:56 PM
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छपरा निगम क्षेत्र के बेघर गरीबों का अब अपना आशियाना होगा. प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के तहत निगम क्षेत्र में सर्वे लगभग पूरा हो गया है. 1000 से अधिक गरीब परिवारों के लिए चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है. जल्द ही नगर आयुक्त योजनाओं की स्वीकृति और राशि अलॉटमेंट के लिए आवास विभाग को पत्र लिखेंगे.

45 वार्डों से आए 1400 आवेदन 

अभी तक की जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके अनुसार प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 2.0 के तहत निगम क्षेत्र के 45 वार्डों से 1400 के आसपास आवेदन आये हैं. इनमें से 1076 का लगभग चयन भी हो चुका है, यानी इतने लोगों को योजना के तहत रहने के लिए आशियाना उपलब्ध हो जाएगा. सूत्रों के अनुसार चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सर्वे 31 अक्टूबर तक ही करना था, लेकिन त्योहारों की वजह से अवधि विस्तार दिया गया था.

2018 में 1052 लाभार्थियों को दिया गया था आवास

नगर निगम अधिकारियों के अनुसार 2018 की योजना में 1052 परिवारों को लाभान्वित किया गया था. इस बार इसमें थोड़ी बढ़ोतरी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि हर वार्ड से मिनिमम 10 और अधिकतम 40 से 50 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जनवरी से अलॉटमेंट भी आने की संभावना है. अलॉटमेंट आते ही आवास निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.

45 कर्मियों को लगाया गया था सर्वे में

सर्वे के लिए नोडल पदाधिकारी को तैनात किया गया था. वार्ड एक से पांच के लिए उपनगर आयुक्त अजीत कुमार, वार्ड छह से 10 के लिए सिटी मैनेजर अरविंद कुमार, वार्ड 11 से 16 के लिए सिटी मैनेजर वेद प्रकाश वर्णवाल, वार्ड 16 से 20 के लिए स्वच्छता पदाधिकारी संजीव कुमार मिश्रा, वार्ड 21 से 25 के लिए स्वच्छता पदाधिकारी सुमित कुमार, वार्ड 26 से 30 के लिए नगर निगम के पदाधिकारी अनीश कुमार राय, वार्ड 31 से 35 के लिए जूनियर इंजीनियर अभय कुमार झा, वार्ड 36 से 40 के लिए जूनियर इंजीनियर नवीन कुमार, वार्ड 41 से 45 के लिए निगम के अमीन प्रवीण कुमार को नोडल पदाधिकारी बनाया गया था. सर्वे कार्य में निरीक्षण पदाधिकारी भी तैनात किए गए थे और 45 कर्मियों को सर्वे में लगाया गया था.

जीवन स्तर में सुधार है योजना का उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीब और निम्न आय वाले परिवारों को स्थायी आवास प्रदान करना है, जिससे उनके जीवनस्तर में सुधार हो सके. यह योजना न केवल आवास की समस्या को हल करती है, बल्कि इसके माध्यम से सरकार सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देना चाहती है. इसके तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी नागरिकों को स्वच्छ और सुरक्षित आवास मिले, जिससे वे बेहतर जीवन जी सकें.

योजना के लाभ के लिए पात्रता

आवेदन करने वाले परिवार के पास देश में कहीं भी अपना पक्का घर नहीं होना चाहिए.

आवेदन करने वाले परिवार को वार्षिक आय के आधार पर, उसे इन वर्गों में बांटा जाएगा:

इडब्ल्यूएस परिवार: वार्षिक आय तीन लाख तक

एलआइजी परिवार: वार्षिक आय तीन लाख से छह लाख तक

एमआइजी परिवार: वार्षिक आय छह लाख से नौ लाख तक

यह है लाभ के दायरे में

शहरी क्षेत्रों में किफ़ायती घरों का निर्माण, खरीद, या किराए पर लेने के लिए वित्तीय सहायता देना है. इस योजना के तहत, हाशिए पर रहने वाले समूहों को विशेष ध्यान दिया जाएगा. इनमें झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोग, अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक, विधवाएं, विकलांग, सफ़ाई कर्मी, रेहड़ी-पटरी वाले, कारीगर, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल हैं.

क्या कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम सुनील कुमार पांडे बताते हैं कि भारत सरकार और बिहार सरकार शहरी गरीबों को आशियाना उपलब्ध कराने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना 1.0 के सफल होने के बाद 2.0 की शुरुआत हुई है. अब इसका लाभ बेघर लोगाें को मिलने लगेगा.

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