नमो की चुनावी नैया में भागलपुर भी पतवार

संजीव, भागलपुर भाजपा की ओर से घोषित प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की चुनावी नैया की एक पतवार बनने में भागलपुर भी योगदान देने जा रहा है. नरेंद्र मोदी बनारस से 24 अप्रैल को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन परचा भरेंगे. उनके प्रस्तावक बनने को राजी हुए पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का न केवल भागलपुर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2014 5:02 AM

संजीव, भागलपुर

भाजपा की ओर से घोषित प्रधानमंत्री के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की चुनावी नैया की एक पतवार बनने में भागलपुर भी योगदान देने जा रहा है. नरेंद्र मोदी बनारस से 24 अप्रैल को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन परचा भरेंगे.

उनके प्रस्तावक बनने को राजी हुए पद्मविभूषण छन्नूलाल मिश्र का न केवल भागलपुर में बचपन बीता है, बल्कि उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर में ही प्राप्त की है. सोमवार को खबर आयी थी कि सुप्रसिद्ध शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खान के परिवार ने लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का प्रस्तावक बनने से इनकार कर दिया.

इसके बाद बनारस घराने की शास्त्रीय परंपरा के मशहूर गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र यह कहते हुए प्रस्तावक बनने को राजी हो गये कि वे किसी पार्टी के साथ नहीं हैं. उन्हें उम्मीद है कि काशी में गंगा व संगीत के लिए वह कुछ कर दे. छन्नूलाल मिश्र के प्रस्तावक बनने की खबर से भागलपुर में रहनेवाले उनके दूर के रिश्तेदार काफी खुश हैं.

बूढ़ानाथ के रहनेवाले संगीत गुरु पंडित शंकर मिश्र नाहर कहते हैं कि छन्नूलाल मिश्र व उनके छोटे भाई शिव कुमार मिश्र बचपन में बूढ़ानाथ इलाके में ही रहते थे. दोनों भाई रोजाना उनके पिता पंडित केदार नाथ मिश्र के सानिध्य में उनके घर में रियाज किया करते थे. श्री नाहर कहते हैं कि तब वे छोटे थे, जब छन्नूलाल मिश्र यहां रहते थे.

उनके प्रिय भजन मैनें लीहौ प्रभु तोसे उतराई.. की याद करते हुए श्री नाहर बताते हैं कि वे रोज यह भजन गाया करते थे. श्री नाहर ने बताया कि एक कलाकार के लिए कला ही धर्म है. उसे किसी राजनीति, जाति या धर्म विशेष से मतलब कहां होता है. छन्नूलाल मिश्र के प्रस्तावक बनने की खबर जब टीवी में देखी और अखबार में पढ़ी, तो सबसे बड़ी खुशी यह हुई कि उन्होंने घर आये मेहमान का सम्मान किया.

इसका यह मतलब कतई नहीं है कि वे किसी दल के हो गये. उन्होंने बताया कि सरकार किसी की भी बने, उनके क्षेत्र के सांसद कोई भी हों, लेकिन जीत हासिल करने के बाद वे संगीत के क्षेत्र का स्थानीय स्तर पर उत्थान जरूर करें.

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